शिक्षा विभाग के नाक में दम करने वाली शिक्षिका की मनमानी का आलम ये है कि वह विभाग के आदेशों की खुलेआम धज्जिया उड़ा रही है। हल्द्वानी में तैनाती के दौरान कर्मचारी सेवा नियमावली की धज्जिया उड़ाने वाली ये शिक्षिका अब विभाग द्वारा किए गए ट्रांसफर प्रक्रिया को ही चैलेंज देने की जुगत में लगी है, जिसको लेकर खासी चर्चाएं चल रही हैं। बता दें कि अभी हाल ही में शिक्षा विभाग ने हल्द्वानी के जीजीआईसी में तैनात शिक्षिका वंदना चौधरी का ट्रांसफर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज दोफाड़, बागेश्वर कर दिया था।लेकिन हैरानी की बात ये है कि दोफाड़ में कार्यभार ग्रहण करने के बजाए शिक्षिक वंदना चौधरी ने ट्रांसफार ऑर्डर को लेने से इंकार कर दिया। यही नहीं शिक्षिका वंदना चौधरी अपने ट्रांसफर को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गयी, जहां से फिलहाल उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। खबर है कि इस बीच वंदना चौधरी ने अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय से 42 प्रतिशत विकलांगता का प्रमाण पत्र भी बनाया गया है। ऐसे में अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है।
अब यहां सवाल ये उठता है कि लगातार कर्मचारी सेवा नियमावली की अवहेलना करने वाली शिक्षिका के खिलाफ शिक्षा विभाग कार्रवाही करने से क्यों कतरा रहा है, जबकि इससे पहले भी शिक्षिका वंदना चौधरी पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। बता दें कि हल्द्वानी जीजीआईसी में पोस्टिंग के दौरान शिक्षिका वंदना चौधरी पर कई आरोप लगे थे। इस दौरान अधिकारियों के आदेशों को दरकिनार कर स्कूल में अनुपस्थित रहना और मनमाने ढंग से कार्य करने के चलते कई बार उनसे स्पष्टीकरण भी तलब किया गया था। जिसके बाद शिक्षिका ने उल्टे शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों पर उत्पीड़न के आरोप लगा दिए और सोशल मीडिया पर आकर अनर्गल बयानबाजी की भी की गयी। शिक्षा विभाग ने इस प्रकरण में कुछ माह पहले जांच कमेटी बनाई थी, लेकिन जांच में शिक्षिका द्वारा सहयोग न करने पर उक्त जांच अभी अधर में लटक हुई है। वहीं कुछ समय पहले शिक्षिका द्वारा स्कूल में अन्य शिक्षिकाओं के साथ अभद्रता करने का एक वीडियो भी सामने आया था, तब भी शिक्षा महकमे के जिम्मेदार अधिकारियों ने कार्यवाही की बात कही थी। लेकिन अब शिक्षिका द्वारा ट्रांसफर आदेश की अवहेलना करना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।