नैनीताल ::- 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। झंडा दिवस देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन। यह सैनिकों के प्रति एकता दिखाने का दिन है। झंडा दिवस के दिन धनराशि को इकट्ठा किया जाता है। यह धन लोगों को झंडे का एक स्टीकर देकर एकत्रित किया जाता है। गहरे लाल व नीले रंग के झंडे के स्टीकर की राशि निर्धारित होती है। लोग इस राशि को देकर स्टीकर खरीदते हैं और उसे पिन से अपने सीने पर लगाते हैं।
सेना में रहकर जिन्होंने सीमाओं की रक्षा की,और आतंकवादी,उग्रवादी से मुकाबला कर शांति स्थापित करने में अपनी जान भी कुर्बान कर दी। सशस्त्र झंडा दिवस पर सैनिकों व उनके परिवार के प्रति नागरिक एकजुटता प्रदर्शित करने का दिन है।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर हुए धन संग्रह के तीन मुख्य उद्देश्य है।
1. युद्ध के समय हुई जनहानि में सहयोग।
2. सेना में कार्यरत कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण और सहयोग हेतु।
3. सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण हेतु।
सशस्त्र बल झंडा दिवस को मनाने की शुरुआत 7 दिसंबर 1949 से हुई थी। 1949 से प्रत्येक वर्ष 7 दिसंबर को सशस्त्र बल झंडा दिवस मनाया जाता है। इसके बाद सरकार ने 1993 में संबंधित सभी फंड को एक सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में समाहित कर दिया था।
इस दिन इंडियन आर्मी, इंडियन एयर फोर्स,और इंडियन नेवी इत्यादि तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करते है।कार्यक्रम से संग्रह किया गया धन आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे फंड में डाल दिया जाता है।