उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा शनिवार को हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद वह अपने सहयोगियों पर भड़क उठीं। जिस पर उन्होंने कहा कि कुछ विपक्षी दलों ने भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया है। ज्ञात हो उपराष्ट्रपति चुनाव में मार्गरेट अल्वा को 200 से भी कम वोट मिले हैं। इससे पहले उन्होंने नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को जीत की बधाई दी। उन्होंने कहा कि चुनाव संपन्न होने के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए लड़ाई तो खत्म हो चुकी है।लेकिन संविधान की रक्षा, लोकतंत्र की मजबूती और संसद की गरिमा को स्थापित करने का संघर्ष जारी रहेगा।
अल्वा ने चुनाव हारने के बाद टि्वटर पर अपनी बातें लिखीं। उन्होंने विपक्षी दलों की एकता में कमी पर निराशा जाहिर की। उन्होंने लिखा कि यह चुनाव विपक्षी दलों के लिए एक शानदार अवसर की तरह था। उनके पास विपक्षी एकता की ताकत को जाहिर करने का पूरा मौका था। वह बीते हुए कल को पीछे छोड़कर एक-दूसरे के अंदर भरोसा पैदा कर सकते थे। लेकिन दुर्भाग्य से कुछ विपक्षी दलों ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का साथ देने का फैसला किया। इसके चलते विपक्ष की एकता की गाड़ी पटरी से उतर गई। इसके साथ ही देश का उपराष्ट्रपति चुने जाने पर जगदीप धनखड़ को बधाई। साथ ही उन्होंने विपक्ष के सभी नेताओं और खुद को वोट देने वाले सभी सांसदों और चुनाव के दौरान अपने अभियान में साथ देने वाले वॉलंटियर्स का भी शुक्रिया अदा किया।