मध्य प्रदेश के रीवा निवासी 23 वर्षीय रेखा सिंह ने अपने पति की शहादत के बाद उनके ही नक्शे कदमो पर चलने का फैसला करते हुए सेना में भर्ती होने की ठान ली थी। आपको बता दें कि नायक दीपक सिंह देश के उन 20 जांबाज सेनानियों में शामिल थे, जिन्होंने देश की आन बान शान के लिए गलवान घाटी में अपनी कुर्बानी दे दी। 1962 की जंग के बाद चीन के साथ गलवान घाटी में हुए पहले बड़े सीमा संघर्ष में उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
बताते चले कि रेखा सिंह वर्तमान में चेन्नई स्थित आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से प्रशिक्षण ले रही हैं। और इसी वर्ष फरवरी में उन्होंने सर्विसेस सिलेक्शन बोर्ड के इंटरव्यू में सफलता हासिल की थी। नायक दीपक सिंह बिहार रेजीमेंट की 16 वीं बटालियन के नायक थे। उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र प्रदान किया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नवंबर 2021 में रेखा सिंह को यह सम्मान प्रदान किया था। वीर चक्र सेना का तीसरा बड़ा सम्मान है। सर्वोच्च सैन्य सम्मान परम वीर चक्र तो दूसरा सम्मान महावीर चक्र कहलाता है।
रेखा सिंह सेना में शॉर्ट सर्विस कमीश पर सेवाएं देंगी। इसके पूर्व ओटीए में उनका नौ माह तक प्रशिक्षण चलेगा। सेना में अब महिला अधिकारियों को अब स्थाई कमीशन की भी इजाजत मिल चुकी है। शहीद सैन्य अधिकारियों की पत्नियों में सेना में भर्ती का रुझान बढ़ रहा है। रेखा सिंह इस कड़ी को और आगे बढ़ाएंगी।