हाल ही में गूगल ने थर्ड पार्टी कॉल रिकॉर्डिंग ऐप को लेकर बड़ा फैसला किया है। जिसमें गूगल ने फ़ैसला लिया था कि Android में किसी भी थर्ड पार्टी ऐप को इंस्टॉल नहीं किया जा सकेगा। लेकिन अब भी कई मोबाइल निर्माता कंपनियां एंड्रॉयड में कॉल रिकॉर्डिंग का ऑप्शन दे रही है। लेकिन आप कॉल रिकॉर्डिंग करने से बड़ी मुश्किल में भी पड़ सकते है जिसके लिए आपको इसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है। कॉल रिकॉर्ड करने से पहले आपको अथॉरिटी से इजाजत लेनी होती है। इजाजत लेने के बाद ही आप किसी की रिकॉर्डिंग कर सकते हो। अगर रिकॉर्डिंग करने की परमिशन आपके पास नहीं है तो ऐसा करना गैरकानूनी समझा जाएगा। दरअसल ऐसा करने से किसी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है और सामने वाला व्यक्ति चाहे तो इसके खिलाफ कोर्ट से अर्जी भी लगा सकता है। यदि कोई व्यक्ति आपकी कॉल रिकॉर्ड करता है तो आप उसके खिलाफ FIR भी दर्ज करवा सकते हो।भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 में हर व्यक्ति के पास निजता का अधिकार है। बिना किसी थर्ड पार्टी की इजाजत के कॉल रिकॉर्डिंग करना पूरी तरह गैरकानूनी माना जाता है। साथ ही संविधान से किसी व्यक्ति को प्राप्त निजता के अधिकार का भी ये उल्लंघन होगा। Indian Evidence Act, 1872 के तहत हर कॉल रिकॉर्ड को कोर्ट में पेश किया जा सकता है। इसमें कुछ शर्तें हैं – रिकॉर्ड की गई आवाज साफ और पहचान करने योग्य होनी चाहिए। प्रामाणिकता का प्रमाण होना चाहिए। रिकॉर्डिंग में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और यह मामले के लिए प्रासंगिक होना चाहिए। रिकॉर्डिंग स्टोरेज डिवाइस को सील कर दिया जाना चाहिए और हिरासत में रखा जाना चाहिए।
विकास पाठक
संपादक