सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड की 21वीं किश्त जारी करने की बुधवार को मंजूरी दे दी, जो 1 जुलाई से बिक्री के लिए खुलेगी। राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत चुनावी बॉन्ड को राजनीतिक दलों को दिए गए नकद चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक को बिक्री के 21वें चरण में अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से चुनावी बांड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।
अधिकृत एसबीआई शाखाओं में लखनऊ, शिमला, देहरादून कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नई दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई में शाखाएं शामिल हैं। इस साल के आखिर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। पांच राज्यों, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गोवा के लिए मतदान इस साल मार्च में हुआ था। बॉन्ड बिक्री की 20वीं किश्त 1 अप्रैल से 10 अप्रैल, 2022 तक हुई। चुनावी बॉन्ड के पहले बैच की बिक्री 1-10 मार्च, 2018 तक हुई थी।
एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने वाला एकमात्र अधिकृत बैंक है। चुनावी बांड जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वैध होगा। बयान में कहा गया है कि यदि वैधता अवधि समाप्त होने के बाद बांड जमा किया जाता है तो किसी भी राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। चुनावी बांड भारतीय नागरिकों या देश में निगमित या स्थापित संस्थाओं द्वारा खरीदे जा सकते हैं। पंजीकृत राजनीतिक दल जिन्होंने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत वोट हासिल किया है, वे चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त करने के पात्र हैं।