विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। वहीं कांग्रेस ने सत्तारूढ़ पार्टी पर अपनी राजनीतिक लड़ाई के लड़ाई दर्दनाक घटनाओं को ‘चारे’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर यहां जंतर-मंतर पर एक मौन जुलूस का नेतृत्व किया। इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर सहित पार्टी के कई नेता शामिल हुए।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर क्या कहा ?
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई। प्रधानमंत्री ने त्रासदी के दौरान पीड़ित लोगों के धैर्य और दृढ़ता की सराहना की। प्रधानमंत्री ने ही पिछले साल घोषणा की थी कि लोगों के संघर्षों और बलिदानों की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाया जाएगा।
शाह बोले- शांति और सद्भावना के लिए प्रेरित करेगा दिवस
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के इतिहास के ‘अमानवीय’ अध्याय को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। शाह ने कहा कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ युवा पीढ़ी को देशवासियों द्वारा झेली गई यातना और दर्द की याद दिलाएगा और नागरिकों को हमेशा शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा, 1947 में देश का विभाजन भारतीय इतिहास का वह अमानवीय अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। हिंसा और नफरत ने लाखों लोगों की जान ली और असंख्य लोगों को विस्थापित किया। उन्होंने कहा कि आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर, मैं उन लाखों लोगों को नमन करता हूं, जिन्हें विभाजन का खामियाजा भुगतना पड़ा।
पीएम मोदी ने ‘विभाजन विभीषिका दिवस’ मनाने की घोषणा करते हुए कहा था कि लाखों लोग विस्थापित हुए और नफरत और हिंसा के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान ली गई।
नड्डा बोले- स्वार्थ और व्यक्तिगत हितों की राजनीति ने विभाजन को दिया जन्म
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन लोगों को याद किया जिन्होंने विभाजन के दौरान असहनीय कीमत चुकाई थी। उन्होंने कहा, हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि कैसे स्वार्थ और व्यक्तिगत हितों की राजनीति ने विभाजन और दर्द को जन्म दिया।
कांग्रेस ने त्रासदी को ‘चारे’ के रूप में इस्तेमाल करने का लगाया आरोप
वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में चिह्नित करने के लिए पीएम मोदी का असली इरादा वर्तमान राजनीतिक लड़ाई के लिए दर्दनाक घटनाओं को ‘चारे’ के रूप में इस्तेमाल करना है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विभाजन की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, विभाजन की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है। सच्चाई यह है कि सावरकर ने द्वि-राष्ट्र सिद्धांत को जन्म दिया और जिन्ना ने इसे सिद्ध किया। सरदार पटेल ने लिखा था, मुझे लगा कि अगर हमने विभाजन को स्वीकार नहीं किया तो भारत कई टुकड़ों में विभाजित हो जाएगा और पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा