केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार घोषणा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत ‘वन नेशन, वन डायलिसिस’ कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। कहा कि इस योजना से कोई भी मरीज देश में कहीं से भी डायलिसिस की सुविधा प्राप्त कर सकता है। केंद्रीय मंत्री तमिलनाडु और पुडुचेरी के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने चेन्नई में तमिलनाडु सरकार के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थापित रोबोटिक सर्जरी मशीन का दौरा किया और उसका अवलोकन किया।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक ट्वीट में कहा, ‘अत्याधुनिक सुविधा सर्जनों को रोबोटिक उपकरणों का उपयोग करके जटिल बड़ी सर्जरी को आसानी से करने में सक्षम बनाती है।’
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने अवादी में सीजीएचएस वेलनेस सेंटर और लैब की आधारशिला भी रखी।
इसके अलावा, उन्होंने ट्रामा केयर रोगियों और गंभीर खेल चोटों वाले लोगों के साथ बातचीत की, जिनका मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में उन्नत तकनीक-आधारित सर्जरी और बायोफार्मा थेरेपी के साथ इलाज किया जा रहा है।
संबोधित करते हुए, मंडाविया ने कहा कि तमिलनाडु सरकार का मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल 2 सर्जन कंसोल वाला एकमात्र केंद्र है और बाकी राज्यों से काफी आगे एमएमआर और आईएमआर के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत तमिलनाडु में 1.58 करोड़ परिवारों को कवर करते हुए 75 लाख लोगों ने लाभ उठाया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस दक्षिणी राज्य में COVID-19 टीकाकरण की स्थिति 11 करोड़ 26 लाख खुराक तक पहुंच गई है, जिसमें 94 प्रतिशत पहली खुराक और 82 प्रतिशत दूसरी खुराक शामिल है। यह एक सराहनीय उपलब्धि है।
निक्षय मित्र अभियान, एक टीबी रोगी/गांव गोद लेने की योजना, के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में लगभग 50 हजार रोगी टीबी से पीड़ित हैं।
हालांकि, उन्होंने लोगों से इस योजना को अपना समर्थन देने की अपील की क्योंकि उनमें से केवल 5 प्रतिशत ने ही सहमति दी है, जबकि 35 प्रतिशत ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘केवल आपके समर्थन से, जैसे कि COVID में, हम देश की प्रगति के लिए इस बाधा को एक साथ दूर कर सकते हैं।’
तमिलनाडु के 17 जिलों में मलेरिया का कोई केस नहीं
मंडाविया ने खुशी व्यक्त की कि तमिलनाडु के 17 जिलों में मलेरिया के शून्य मामले दर्ज किए गए हैं। यहां लिम्फेटिक फाइलेरिया को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहने और मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू के उन्मूलन की दिशा में आवश्यक कार्रवाई जारी रखने का निर्देश दिया।