राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सशस्त्र बलों के जवानों को 13 शौर्य चक्र पुरस्कार प्रदान किए। जिसमें छह को मरणोपरांत सम्मानित किया गया। थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
अशोक चक्र और कीर्ति चक्र के बाद शौर्य चक्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में पुरस्कार प्रदान किए गए।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, वीरता पुरस्कार कर्मियों को अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति सर्वस्व समर्पण के लिए दिए गए।
मरणोपरांत जिन छह जवानों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया, उनमें मद्रास रेजिमेंट की 18वीं बटालियन के कैप्टन आशुतोष कुमार, राजपूत रेजिमेंट के हवलदार अनिल कुमार तोमर, जाट रेजिमेंट के हवलदार पिंकू कुमार, इंजीनियर्स कोर के हवलदार काशीराय बम्मनल्ली, मद्रास रेजीमेंट की 17वीं बटालियन के नायब सूबेदार श्रीजीत और मद्रास रेजीमेंट की 17वीं बटालियन के सिपाही एम. जसवंत कुमार रेड्डी शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने असाधारण सेवा के लिए 14 परम विशिष्ट सेवा पदक, चार उत्तम युद्ध सेवा पदक और 24 अति विशिष्ट सेवा पदक भी प्रदान किए।