यदि इंसान में कुछ कर गुजरने की ललक हो तो कोई भी काम कठिन नही। ऐसा ही कुछ कर दिखाया मंगलुरु के 42 वर्षीय श्रीनिवास गौड़ा ने। श्रीनिवास ने दक्षिण कन्नड़ जिले में एक गधा फार्म खोला है। 8 जून को खुले गधा फार्म में गधी के दूध के लिए लाखों रुपये के आर्डर आ चुके हैं।
श्रीनिवास बताया कि जब उन्होंने गधा फार्म खोलने के लिए लोगों से चर्चा की तो इस पर कई लोगों ने उनका मजाक बनाया था, लेकिन अब लोग इसकी महत्ता समझ रहे हैं। यह देश का दूसरा गधा फार्म है। पहला फार्म केरल के एर्नाकुलम जिले में है। श्रीनिवास ने इसे खोलने के पीछ वजह बताई है। श्रीनिवास का कहना है कि वह गधों की दुर्दशा से चिंतित थे, जिन्हें अक्सर ठुकरा दिया जाता था। ग्रेजुएट श्रीनिवास ने एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी छोड़ने के बाद सबसे पहले 2020 में इरा गांव में 2.3 एकड़ की जमीन पर एक एकीकृत कृषि और पशुपालन, पशु चिकित्सा सेवाएं, प्रशिक्षण और चारा विकास केंद्र शुरू किया।
श्रीनिवास ने पहले बकरी पालन शुरू किया था। अब उनके फार्म में खरगोश और कड़कनाथ मुर्गे भी हैं। गौड़ा ने कहा कि फार्म में 20 गधे होंगे। उन्होंने कहा कि गधों की प्रजातियों की संख्या घट रही है।
श्रीनिवास ने बताया कि अपने फार्म से लोगों को पैकेट में गधी के दूध की आपूर्ति करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 30 मिलीलीटर दूध के पैकेट की कीमत 150 रुपये होगी और इसकी आपूर्ति मॉल, दुकानों और सुपरमार्केट के में की जाएगी। गधी के दूध में बहुत से औषधीय गुण होते हैं। कास्मेटिक में भी इसका प्रयोग होता है। इसीलिए इसे वह कास्मेटिक के लिए भी बेचेंगे। अब तक उन्हें दूध की आपूर्ति के लिए 17 लाख रुपये के आर्डर मिल चुके हैं।