माँ के बिना ज़िंदगी वीरान होती है,
तन्हा सफर में ज़िन्दगी सुनसान होती है
रब मेरी माँ को हर ख़ुशी दे,
माँ हर बन्दे की जान होती है
यूं तो हर दिन मां का होता है औऱ मां से ही हर दिन की शुरुआत होती है। मां के बिना कोई दिन ही नही होता। बावजूद इसके क्यों मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। हम आपको बताते है क्यों मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाकर मां के दिन को खास मनाया जाता है।
बता दें कि मदर्स डे मनाने की शुरुआत एना जार्विस नाम की अमेरिकी महिला ने की थी। अपनी मां को प्यार करने वाली एना ने मां की मौत के बाद शादी न करने का निर्णय लिया और उन्होंने मां की याद व सम्मान में मदर्स डे मनाने की शुरुआत की। बाद में 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन प्रेजिडेंट वुड्रो विल्सन ने औपचारिक रूप से मदर्स डे मनाने की शुरुआत की।

वही आपको बताते चलें कि मदर्स डे की औपचारिक शुरुआत के लिए बाकायदा अमेरिकी संसद में कानून पास हुआ। इसके बाद मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाने लगा। इसे बाद में अमेरिका के अलावा यूरोप, भारत, चीन, जापान, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में स्वीकृति मिली।
मदर्स डे मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस साल यह 8 मई को मनाया जा रहा है। इसे मनाने की शुरुआत में यूरोप से हुई थी और इस दिन को मदरिंग संडे कहा जाता था।