गमगीन महौल के बीच पैतृक गांव चनौदा-बूंगा में शहीद कमल सिंह भाकुनी का सैन्य सम्मान के साथ किया अंतिम संस्कार

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उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर के जवान कमल सिंह भाकुनी मणिपुर में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया। उन्हें संदिग्ध हालात में गोली लगी थी। उनका पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव चनौदा-बूंगा में गमगीन महौल के बीच लाया गया। मणिपुर नक्सली हमले में शहीद हुए अल्मोड़ा के कमल भाकुनी का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। देशभक्ति के और भारतीय सेना के जयघोषों के बीच हजारों लोगों ने शहीद जवान को अतिम विदाई दी। शहीद को आखिरी विदाई देने के मौके पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या भी मौजूद थीं। इस दौरान श्रीमती रेख आर्य ने शहीद जवान कमल सिंह भाकुनी को अंतिम विदाई देते हुए भावभनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि नक्सली मुठभेड़ में अपने अदम्य साहस के साथ मातृभूमि की रक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त होने वाले 16कुमाऊं रेजीमेंट में कार्यरत श्री कमल सिंह भाकुनी जी निवासी विधानसभा सोमेश्वर बोरारो घाटी चनोदा (ग्राम बूंगा) की शहादत को शत शत नमन। हमें अपने शहीद की शहादत पर गर्व है वहीं उन्हें खोने का भी बेहद दुःख है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक संतप्त परिजनों को सम्बल प्रदान करें। घटना की जानकारी के बाद से परिवारजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मिली जानकारी के मुताबिक अल्मोड़ा जिले के तहसील के चनौदा, बूंगा निवासी सैनिक कमल सिंह भाकुनी (24) 16 कुमाऊं रेजीमेंट मणिपुर में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान कमल को संदिग्ध हालात में गोली लग गई। इस घटना में वो शहीद हो गए। कमल सिंह भाकुनी चार साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। 25 दिन पहले ही वो छुट्टी के बाद ड्यूटी पर पहुंचे थे। शहीद के पिता चंदन सिंह भाकुनी गांव में खेती-बाड़ी करते हैं। जबकि माता दीपा भाकुनी गृहणी हैं। कमल के बड़े भाई प्रदीप भाकुनी भी सेना में ही हैं। ग्राम प्रधान रमेश भाकुनी के मुताबिक कमल गोली लगने से शहीद हुए हैं।


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