उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक को लेकर प्रवर समिति की पहली बैठक में कांग्रेस विधायक ममता राकेश और हरीश धामी नहीं पहुंचे। समिति के अध्यक्ष एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 24 सितंबर को फिर से बैठक बुलाई है। समिति को आठ अक्तूबर तक विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को विधेयक पर रिपोर्ट सौंपनी है। बुधवार को विधानसभा भवन में समिति के अध्यक्ष एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें नगर निगम संशोधन विधेयक में ओबीसी आरक्षण व अन्य प्रावधानों पर मंथन किया गया। भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली, खजान दास व बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सुझाव दिए। विभागीय अधिकारियों ने संशोधन विधेयक के बारे में जानकारी दी। वहीं, बैठक में कांग्रेस विधायक ममता राकेश और हरीश धामी नहीं पहुंचे। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, 9 सितंबर को विधानसभा ने प्रवर समिति गठित करने की अधिसूचना जारी की थी। समिति को एक माह के भीतर विधेयक के हर पहलू का अध्ययन कर सिफारिशों की रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपनी है। समिति के पास समय कम है। लिहाजा हमारा प्रयास रहेगा कि आठ अक्तूबर तक रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी जाए। पहली बैठक में सदस्यों ने अपने सुझाव रखे हैं। 24 सितंबर को दोबारा से बैठक रखी गई। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा में हुए मानसून सत्र में प्रदेश सरकार ने नगर निगम संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने ओबीसी आरक्षण के सर्वे पर आपत्ति जताते हुए सवाल उठाए थे। विधायकों की मांग पर विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया था।