उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गढ़वाल में एनएच टेंडर पर सरकार से दो सप्ताह में मांगा जवाब

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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गढ़वाल मंडल में लोनिवि की ओर से बिना टेंडर जारी किए वर्ष 2022 से लेकर अब तक अपने ही विभाग के 30 इंजीनियर्स को टेंडर आवंटित किए जाने के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पूर्व के आदेश को आगे बढ़ाते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। साथ ही राज्य सरकार से इस पर दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले के अनुसार देहरादून चकराता निवासी यशपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि देहरादून चकराता में बिना विज्ञप्ति जारी किए ही लोनिवि के मुख्य अभियंता ने विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से चहेतों को नेशनल हाईवे के निर्माण के टेंडर बिना विज्ञप्ति जारी किए बांट दिए। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि ये टेंडर पुराने थे जिनको पूरा करने की समयावधि वर्ष 2025 है। पूर्व में सुनवाई पर कोर्ट ने इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था जिसपर राज्य सरकार ने कहा कि कुछ विशेष परिस्थितियों में टेंडर आवंटित नहीं किये जा सकते क्योंकि राहत काम पहले जरूरी होते हैं। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि ये कार्य 2022 से लेकर अब तक के हैं इसलिए इसमें टेंडर होने आवश्यक हैं। वैसे भी 2022 से अब तक 225 टेंडर चहेतों को टेंडर देने का कोई औचित्य ही नहीं है, इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।


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