जिन गांवों में कभी मोबाईल की घंटी बजना सपनों जैसा था, उन गावों में आज मोबाइल की घंटियां घनघना रही है, उत्तराखंड में चीन सीमा से सटी दारमा घाटी के दो गांवों में भी मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिल शुरु हो गई है। यहां पहली संचार सेवा के रूप में जिओ ने अपना मोबाइल टावर लगाने का काम पूरा कर दिया है। वहीं ग्रामीणों को संचार सुविधा मिलने से ग्रामीण खुशी से झूम उठे। इसके बाद लोगों ने निचली घाटी में रह रहे अपने परिजनों से भी बात की।
देश की सीमावर्ती गांवों में जहां मोबाइल सेवाओं को लोग कई सालों से तरस रहे थे, उन गांवों में भी जिओ ने अपनी मोबाईल सेवा शुरु कर दी है, मोबाइल टावर लगने से ग्राम पंचायत दुग्तू सौन और ग्राम पंचायत दांतू की लगभग दो हजार की आबादी के साथ-साथ प्रसिद्ध पंचाचूली शिखर के दर्शन करने आने वाले सैकड़ों यात्रियों को भी संचार सुविधा मिल सकेगी। ग्राम प्रधान सपना बोनाल ने बताया की जिओ का मोबाइल टावर लगने से उनके गांव की लगभग एक हजार की आबादी को लाभ मिलेगा। वहीं ग्राम पंचायत बालिंग के ग्राम प्रधान भगवती बंग्याल ने बताया की उनके गांव की लगभग 700 की आबादी को मोबाइल नेटवर्क का लाभ मिलेगा।