असम के डिब्रूगढ़ जेल लाया गया अमृतपाल, अब होगी कड़ी पूछताछ, बढ़ाई गई सुरक्षा-व्यवस्था

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खालिस्तानी समर्थक व वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ जेल लाया गया है। उसे भारी सुरक्षा के बीच असम लाया गया है। आज सुबह ही उसे मोगा जिले के रोड़ा गांव के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया। रोड़ा गांव भिंडरावाले का गांव है। जेल से उसकी पहली तस्वीर भी सामने आई है। जिसमें खालिस्तानी मुल्क की पैरोकारी करने वाला अमृतपाल किसी भिगी बिल्ली की तरह नजर आ रहा है। बता दें कि अमृतपाल पिछले 36 दिनों से पुलिस के साथ लुकाछिपी खेल रहा था। विदेश भागने के शक में उसके खिलाफ बीते दिनों पंजाब पुलिस की तरफ से लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया। उसकी पत्नी किरणदीप कौर के खिलाफ भी लुक आउट नोटिस जारी किया जा चुका है, इसलिए बीते दिनों जब वह अमृतसर एयरपोर्ट लंदन भागने की फिराक में पहुंची, तो इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसे दबोच लिया।

 

इसके बाद उसे परिवार के हाथों सौंप दिया गया। हालांकि, इससे पहले भी किरणदीप कौर से पूछताछ की जा चुकी थी। यूके में अमृतपाल और किरणदीप कौर की मुलाकात हुई थी। जिसके बाद दोनों ने फरवरी माह में शादी रचा ली थी। इसके बाद दोनों खालिस्तानी आंदोलन को नई उड़ान देने में जुट गए। बता दें कि अमृतपाल अपने बयान में खालिस्तानी मुल्क की मांग को उचित ठहरा चुका है।

 

उसने तो यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया था कि अगर हिंदू राष्ट्र की मांग उचित है, तो खालिस्तान की मांग करना भी उचित है, जो लोग खासिस्तान की मांग को उचित मानते हैं, उन लोगों की नजर में अमृतपाल किसी हीरो से कम नहीं है। वहीं, डिब्रूगढ़ जेल असम के सबसे सुरक्षित जेलों में से एक है। इस जेल में उसके कई साथी पहले से ही कैद में हैं। बीते दिनों पुलिस की गिरफ्त में आए पपलप्रीत को भी इसी जेल में रखा गया। वहीं जोगा सिंह को भी इसी जेल में रखा गया है।

 

पंजाब के इतर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में भी अमृतपाल की तलाश में पुलिस जुटी हुई थी। डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल से एनआईए पूछताछ करेगी। वहीं, उसके संबंध आईएसआई से भी बताए जा रहे हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए एनआईए से उसकी पछताछ जरूरी हो जाती है। वहीं, सीएम मान ने भी अमतपाल की गिरफ्तारी पर प्रेस कांफ्रेंस किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि पंजाब में शांति सुरक्षा की राह मे चुनौती पैदा करने वालों को बिल्कुल भी नहीं बख्शा जाएगा। सीएम मान ने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर पुलिस चाहती, तो उसे उसी दिन गिरफ्तार कर लिया जाता, जिस दिन उसने कानुन व्यवस्था को ठेंगा दिखाकर अपने साथी लवली सिंह तफानू को जेल से छुड़ा लिया था। इस दरान उसने कई पुलिसकर्मियों पर भी हमला बोला था, लेकिन उस दिन उसे इसलिए गिरफ्तार नहीं किया, क्योंकि उसके हाथ में गुरु ग्रंथ साहब की बीड थी। बीड़ की ओट लेकर उसने कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाया था, जिसे लेकर बीजेपी ने मान सरकार पर निशाना भी साधा था।


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