जेल पहुंचा 100 से ज्यादा मामलों का वांटेड कुख्यात नक्सली दिनेश गोप, 30 लाख का था इनाम

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रांची: आतंक का दूसरा रूप कहे जाने वाले प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप को जेल भेज दिया गया. दिनेश गोप लगभग 2 दशकों तक झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में आतंक का पर्याय बना हुआ था. वह 100 से ज्यादा मामलों में वांछित है. पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप की रिमांड अवधि समाप्ति के उपरांत एनआईए कोर्ट में पेशी हुई. इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया.

पिछले महीने 21 मई को एनआईए और झारखंड पुलिस के संयुक्त रूप से कार्रवाई में दिनेश गोप को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. 22 मई को एनआईए कोर्ट में पेशी के उपरांत पूछताछ के लिए पहले 8 दिनों की रिमांड पर ली गई थी. गोप को दोबारा कोर्ट में पेश कर 4 दिनों की फिर अंत मे 1 दिनों की अतिरिक्त रिमांड अवधि पर लेकर एनआईए और झारखंड पुलिस ने पूछताछ की थी.

NIA को गोप से मिलीं कई जानकारियां

रिमांड पर लेकर पूछताछ के क्रम में झारखंड पुलिस और एनआईए को कई अहम जानकारियां सामने आई हैं. दिनेश गोप द्वारा लेवी और रंगदारी के रूप में वसूले गए करोड़ों रुपयों का निवेश करने में वाइट कॉलर अधिकारियों और राजनेताओं ने सहयोग किया है. जिसकी जानकारी रिमांड पर लेकर एनआईए और झारखंड पुलिस को मिली है. इसके साथ ही झारखंड के विभिन्न जिलों में पीएलएफआई संगठन के नक्सलियों द्वारा छुपाए गए हथियार, गोला -बारूद के साथ-साथ कई अन्य संगठन में सक्रिय नक्सलियों की भी गिरफ्तारी करने में झारखंड पुलिस ने सफलता पाई है.

30 लाख का था ईनामी

बता दें कि 40 वर्षीय पीएलएफआई संगठन के सुप्रीमो दिनेश गोप उर्फ साहेब उर्फ कुलदीप गोप पर झारखंड पुलिस ने 25 लाख जबकि एनआईए ने 5 लाख रुपयों के इनाम की घोषणा कर रखी थी. मूल रूप से झारखंड के खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के लपा मोरहाटोली का रहने वाला है. उसने कुल 2 शादियां की थी, उसकी दोनों पत्निया हीरा देवी और शकुंतला कुमारी को पूर्व में ही झारखंड पुलिस ने लेवी के रूप में बरामद रुपयो को निवेश करने सहित टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था ,दोनों पत्नियां फिलहाल रांची के जेल में ही बंद है ।

राजनीति में भी पकड़ रखता है गोप

दिनेश गोप का राजनीति में भी दबदबा था. जानकारों की माने तो झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी जिला के तोरपा विधानसभा सीट से साल 2009 और 2014 में विधायक बने पौलुस सुरीन को चुनाव में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का सहयोग मिला था. उसकी मदद से ही सुरीन विधायक बने थे. इसके साथ दी दिनेश गोप ने जोनल कमांडर जीदन गुड़िया की पत्नी जोनिका गुड़िया को निर्विरोध रूप से खूंटी जिला परिषद के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित करवाया था.

दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद से लगातार संगठन कमजोर पड़ता जा रहा है. पिछले एक हफ्ते के दौरान लगभग एक दर्जन पीएलएफआई संगठन से जुड़े सक्रिय नक्सली गिरफ्तार हुए हैं. जरूरत पड़ने पर दोबारा से पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को एनआईए पूछताछ के लिए रिमांड पर ले सकती है.


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