दादा- दादी के साथ समय बिताने वाले बच्चों में क्या होता है खास? पढ़े ये रिपोर्ट

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इन दिनों ज्वाइंट फैमिली का कॉन्सेप्ट बहुत ही तेजी से खत्म हो रहा है. लोग काम के सिलसिले में अधिकतर बाहर रहते हैं. इस दौरान आप करियर में तो आगे बढ़ जाते हैं. लेकिन आपके बच्चे अपने ग्रैंड पैरेंट्स से दूर हो जाते है. ऐसे में बच्चे कुछ ऐसी चीजों को मिस कर देते हैं जो उनके भविष्य के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती हैं. ग्रैंड पैरेंट्स के साथ समय बिताने पर ग्रैंड चिल्ड्रन बहुत कुछ सीखते हैं.

ये चीजें न केवल उन्हें एक बेहतर इंसान बनाती हैं बल्कि आगे आने वाली जीवन की परिस्थितियों के लिए भी वो खुद को तैयार कर पाते हैं. बच्चों के लिए दादा-दादी के साथ समय बिताना कितना जरूरी है आइए यहां जानें.

अपने दिल की बात कह पाते हैं
दादा-दादी के से बच्चों को बहुत प्यार मिलता है. इससे वो उनके साथ ज्यादा समय बिताते हैं. उनसे अपनी बात खुलकर कह पाते हैं. जो बातें वो अपने पैरेंट्स से कई बार नहीं बोल पाते हैं, वो अपने दादा-दादी से कह पाते हैं.

बच्चों की परेशानियां होती हैं दूर
कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो इंट्रोवर्ट नेचर के होते हैं. ये अपनी बातें सबसे खुलकर नहीं कह पाते हैं. कई बार कुछ चीजों को लेकर अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं. ऐसे में क्योंकि ये दादा-दादी के साथ ज्यादा समय बिताते हैं तो उनसे अपनी बात कह पाते हैं. वे उन्हें समझते हैं, बच्चों के बातों को ध्यान से सुनते हैं और उन्हें इससे निकालने का रास्ता बताते हैं.

संस्कृति के बारे में समझ पाते हैं
बच्चे जब दादा-दादी के साथ समय बिताते हैं तो कई चीजों की सीख लेते हैं. ग्रैंड पैरेंट्स उन्हें सभ्यता और संस्कृति के बारे में समझ पाते हैं. इसमें भाषा, पहनावे और व्यंजनों से संबंधित कई चीजें शामिल हैं.

अकेलेपन से रहते हैं दूर
पैरेंट्स काम के चलते बच्चों को बहुत अधिक समय नहीं दे पाते हैं. इस वजह से बच्चे कई बार काफी अकेला महसूस करते हैं. कई बार इसके चलते डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते हैं. ऐसे में दादा-दादी का साथ उनका अकेलापन दूर करने का काम करता है. वे खुश रहते हैं. उनका तनाव दूर होता है.

 


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