मै अटल हूँ, मिर्जापुर के कालीन भैया का नया अंदाज होगा कुछ खास, देखना तो बनता है।

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मिर्जापुर के कालीन भैया अपराध के बादशाह की भूमिका के बाद अब ऐसे किरदार में नजर आयेंगे जो उनके लिए बेहद ही अलग है, लेकिन बहुमुखी प्रतिभा के धनी और सरल स्वभाव के पंकज त्रिपाठी इस बार कुछ अपने ही तरीके का बेहद अलग किरदार निभाने वाले है, जो वास्तव में लोगों को काभी अलग भी लगेगा और काफी दमदार भी, क्योंकि इस बार पंकज त्रिपाठी उर्फ कालीन भैया

एक ऐसी शख्सियत का किरदार निभाने वाले है जिनको देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी उनके नेतृत्व का लोहा माना जाता है, इस बार पंकज त्रिपाठी अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर बन रही फिल्म ‘मैं अटल हूं’ की शूटिंग के लिए लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं।


पंकज त्रिपाठी ने ओटीटी की शुरुआत के बाद से ‘मिर्जापुर’ और अन्य सीरीज व फिल्मों के जरिये बड़ा नाम कमाया है। देश विदेश में उनके प्रशंसकों की तादाद करोड़ों में है। बड़े परदे पर वह जल्द ही फिल्म ‘ओ माय गॉड 2’ में नजर आने वाले हैं। ये फिल्म 11 अगस्त को रिलीज होगी। इसके अलावा उनकी एक फिल्म ‘फुकरे 3’ भी जल्द ही रिलीज होने वाली है। बॉलीवुड से लेकर ओटीटी पर अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले थिएटर के नेचुरल एक्टर पंकज त्रिपाठी इन दिनों हर तरफ छाये हैं, लोग उनके अभिनय के दिवाने है, उनका सरल स्वभाव और सहज अभिनय को लोग हर अंदाज में पसंद करते हैं, वहीं इस बार पंकज त्रिपाठी कुछ नये ही कलेवर में जनता के सामने अपने अभिनय का अलग ही अंदाज दिखाने वाले हैं, जी हां हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग छवि बनाने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर बन रही फिल्म ‘मैं अटल हूं’ में जल्द ही नजर आयेंगे।

अवध क्षेत्र में अटल बिहारी वाजपेयी ने शिक्षा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार के सिलसिले में लंबा समय बिताया है और इस फिल्म के कुछ अहम दृश्य कानपुर और लखनऊ में फिल्माए जा रहे हैं। फिल्म की शूटिंग के दौरान वह लगातार अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में पुस्तकें पढ़ते रहे हैं। पंकज कहते हैं, ‘बाजपेयी जी और मेरे मध्य एक समान बिंदु यह भी है कि हम दोनों को कविता और साहित्य से प्रेम है।’ पंकज कहते हैं, ‘फिल्म ‘मैं अटल हूं’ के लिए अपने शोध के दौरान उन्हे इस बारे में पता चला। राजनीति और कूटनीति के अलावा अटल जी एक महान कवि भी थे और उन्हें साहित्य और भाषा के प्रति भी बेहद प्यार और लगाव था। अटल बिहारी वाजपेयी की शख्सियत के बारे में और चर्चा करते हुए पंकज कहते हैं, ‘मैं उनसे आत्मिक और आध्यात्मिक रूप से इसलिए जुड़ सका हूं क्योंकि अच्छी कविता का मुझ पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है, खासकर हिंदी कविता का। मैं कुछ महान लेखकों को पढ़ते हुए बड़ा हुआ हूं और कभी-कभी उनसे प्रेरित होकर मैं कुछ पंक्तियों को कविताओं के रूप में भी लिख देता हूं। यह जानकर अच्छा लगा कि ऐसी कविताएं और कवि हैं जो अटल जी और मुझे दोनों को एक से पसंद हैं।’


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