वॉशिंगटन। अगले साल अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं। इन चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी से मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन और रिपब्लिकन पार्टी से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो मैदान में उतरने का एलान कर ही रखा है। अब भारतीय मूल के तीन अमेरिकी भी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में हिस्सा लेने जा रहे हैं। पहले ही भारतीय मूल की निक्की हेली और विवेक रामास्वामी ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने का एलान कर रखा है। अब भारतीय मूल के और पेशे से इंजीनियर हर्षवर्धन सिंह ने भी इन चुनावों में हिस्सा लेने की बात कही है। हर्षवर्धन सिंह रिपब्लिकन पार्टी से ही जुड़े रहे हैं। वो खुद को रूढ़िवादी बताते हैं।
भारतीय मूल के अमेरिकी हर्षवर्धन सिंह ने कहा है कि वो जिंदगी भर रिपब्लिकन रहे। हर्षवर्धन सिंह का कहना है कि उन्होंने हमेशा अमेरिका फर्स्ट की नीति को माना है और उसके मुताबिक ही काम किया है। हर्षवर्धन ने बताया कि उन्होंने न्यूजर्सी में रिपब्लिकन पार्टी की विंग को बहाल करने का बड़ा काम किया। भारतीय मूल के दावेदार के मुताबिक अमेरिका की आजादी पर लगातार हमले हो रहे हैं। उन्होंने टेक्नोलॉजी और फार्मा कंपनियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठाई है। हर्षवर्धन सिंह ने कहा है कि अमेरिका में हो रहे बदलावों को पलटने और मूल्यों को स्थापित करने के लिए मजबूत नेतृत्व चाहिए।
रिपब्लिकन पार्टी से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी से जो बाइडेन ने भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने का एलान कर रखा है।
हर्षवर्धन के मुताबिक वो रिपब्लिकन पार्टी से ही अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए परचा भरेंगे। हर्षवर्धन के हालांकि नॉमिनेशन पाने में दिक्कत है। इसकी वजह डोनाल्ड ट्रंप हैं। ट्रंप लगातार अमेरिका में घूम-घूमकर प्रचार भी कर रहे हैं। ट्रंप अगर मैदान से हट जाएं, तभी हर्षवर्धन सिंह को रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से परचा भरने का मौका मिल सकता है। अगर हर्षवर्धन सिंह को मौका मिला, तो पहली बार अमेरिका में भारतीय मूल के किसी व्यक्ति को देश की दो मुख्य पार्टियों में से एक का टिकट मिलने का अहम कदम हो सकता है।