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नई दिल्ली। राजस्थान में 300 वर्ष पुराना मंदिर को ढहाए जाने के मामले में अब सियासत गरमाती हुई नजर आ रही है। लगातार पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हो रहे हैं। राजगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष सतीश गुरिया ने मंदिर तोड़े जाने को लेकर अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मंदिरों को गिराने के प्रस्ताव में राजगढ़ नगर पालिका का कोई हाथ नहीं है। सतीश गुरिया ने कहा कि मेरे और बोर्ड के खिलाफ आरोप निराधार हैं। बोर्ड ने कभी भी मंदिरों को गिराने को लेकर अपने प्रस्ताव में उल्लेख नहीं किया। सब कुछ प्रशासन द्वारा किया गया था। कांग्रेस का राजगढ़ में कभी कोई बोर्ड नहीं था यह उनका सपना है। उधर अलवर में भाजपा सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती का कहना है कि सीएम और जिला प्रशासन को माफी मांगनी चाहिए और मंदिरों का पुनर्निर्माण करना चाहिए और मूर्तियों को पूरे सम्मान के साथ वापस स्थापित करना चाहिए। वहीं भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा ने कहा कि यहां अलवर में रात भर धरने पर थे लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। अशोक गहलोत ने घरों और एक मंदिर को ध्वस्त करने के लिए एक बुलडोजर लगाया जबकि वह अन्य राज्यों में बुलडोजर की निंदा करते रहे हैं।