![](https://samachaar24x7india.com/wp-content/uploads/2024/07/300x250-1.jpeg)
नई दिल्ली: भारत सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विकास दर के अनुमान को जारी कर दिया है। सरकार ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7 प्रतिशत रह सकती है। वहीं, पिछले वर्ष में विकास दर 8.7 प्रतिशत थी। भारतीय अर्थव्यवस्था ऐसे समय पर सकारात्मक विकास दर दिखा रही है, जब दुनिया में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मंदी में जाने का खतरा बना हुआ है।
इसके साथ ही राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए स्थिर (2011-12) और वर्तमान कीमत, दोनों पर राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान (FAE) भी जारी कर दिया है। इस डाटा का प्रयोग केंद्र सरकार द्वारा एक फरवरी को आने वाले बजट (Budget 2023-24) तैयार करने के के लिए किया जाएगा। बता दें, सरकार वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को तैयार कर रही है। ऐसे में ये डाटा बेहद महत्वपूर्ण होता है।
150 लाख करोड़ से ऊपर रह सकती है GDP
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी या जीडीपी 157.60 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए 31 मई,2022 को जारी जीडीपी का प्रोविजन अनुमान 147.36 लाख करोड़ रुपये था।
RBI ने घटाया था विकास दर का अनुमान
पिछले महीने आरबीआई की ओर से नई मौद्रिक नीति जारी की गई थी। इसमें आरबीआई ने रेपो रेट 0.35 प्रतिशत बढ़ाने के साथ अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमान 7 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया। विकास दर घटाने के पीछे केंद्रीय बैंक ने कहा था कि वैश्विक तनाव और दुनिया के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दर बढ़ाने का असर देश की विकास दर पर देखने को मिल सकता है। इसके साथ वर्ल्ड बैंक भारत की अर्थव्यवस्था के 6.9 प्रतिशत और आईएमएफ ने 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान जता चुके हैं।