एरो इंटीग्रेटेड  टाउनशिप योजना घिरी विवादों में, कांग्रेस ने योजना पर उठाये सवाल, तो कैबिनेट मंत्री दे रहे सफाई।

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डोईवाला से लेकर रायवाला तक बन रही इंटीग्रेटेड सिटी प्रोजेक्ट पर आज हरीश रावत ने सरकार की कार्यशैली और मनसा पर तीखा हमला बोला है इस दौरान उन्होंने कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता से पहले स्वर्गीय श्री देव सुमन को श्रद्धांजलि भी दी।
हरीश रावत ने एरो इंटीग्रेटेड  टाउनशिप को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि हिमालय राज्यों के मुताबिक यह टाउनशिप नहीं है
सरकार महज काल्पनिक बातें कर रही है स्थिति यह है कि डोईवाला में किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं उनका कहना है की एरो सिटी से गन्ना उत्पादन क्षेत्र खत्म हो जाएगा जिससे उन्हें काफी नुकसान होगा इसके साथ ही चीनी मिल पर भी संकट गहरायेगा जिससे कई लोग बेरोजगार हो जायँगे
उन्होंने बताया की इंटीग्रेटेड सिटी से डोईवाला,हरिद्वार, रायवाला आपस में जुड़ेंगे लेकिन इससे देहरादून की ग्रीनरी समाप्त हो जायेगी इस बड़े शहरीकरण से समस्याओं का अंबार लगना स्वाभाविक है यह इंटीग्रेटेड टाउनशिप देहरादून के हित मे नही हैं इससे हज़ारों लोगों की रोजी रोटी का संकट बढेगा यही वजह है कि काँग्रेस इसका पुरजोर विरोध कर रही है
वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने भी इस मामले में। सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कृषि भूमि को सरकार  बर्बाद कर रही है 1100 करोड बजट बताकर सरकार जनता को भ्रमित कर रही है उत्तराखंड सेंसिटिव जोन में आता है । ऐसे में सरकार को  चाहिए की वह जोशीमठ से सबक ले उन्होंने कहा कि कुछ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना बेहद  दुर्भाग्यपूर्ण है इस क्षेत्र में जो जमीनों की रजिस्ट्री बीते डेढ़ साल में हुई उसकी सरकार जांच करवाए।
 

क्या बोले शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद ये भी जानिए। 

 
डोईवाला में इंटीग्रेटेड टाउनशिप योजना पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोग भी इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि बिना किसानों की अनुमति से इस तरह की योजना को लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जोनल प्लान तैयार करने के लिए वहां के स्टेकहोल्डरों से पहले बातचीत की जाएगी और उनकी सहमति के आधार पर ही आगे की कार्यवाही होगी। आपको बता दें की इंट्रीगेटेड टाउनशिप को लेकर क्षेत्र के लोगों में असमंजस की स्थिति है। 3081 हेक्टेयर भूमि पर यह टाउनशिप बनाने की सरकार की योजना है। आपको बता दें कि 3081 हेक्टेयर भूमि में 747 हेक्टेयर भूमि सरकारी है जबकि 2334 हेक्टेयर भूमि किसानों की है। डोईवाला क्षेत्र की भूमि कृषि भूमि है जिस पर बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है। इस टाउनशिप के बनने से सरकार कृषि भूमि को एक्वायर करेगी जिससे गन्ने का उत्पादन भी प्रभावित होगा जिसके कारण डोईवाला में स्थित चीनी मिल पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।

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