उत्तराखंड: भारी बारिश से टमाटर हुआ लाल! तोरई और शिमला मिर्च ने बिगाड़ा रसोई का बजट

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कुमाऊं मंडल में लगातार बारिश से काश्तकारों को काफी नुकसान पहुंचा है। बरसात के चलते पहाड़ की सब्जियां और फल खराब हो चुके हैं। ऐसे में अब पहाड़ की फल सब्जियों की मंडियों में आवक आधी रह गई है। इसके चलते फल और सब्जियों के दामों में उछाल देखा जा रहा है। भारी बारिश के बाद सब्जी के दामों में उछाल आया है। वहीं गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए पसंदीदा सब्जी खरीदना मुश्किल हो रहा है।

पहाड़ों पर फसल, सब्जी खराब होने के चलते काश्तकार मायूस हैं। काश्तकारों की मानें तो बरसात ने उनकी फल और सब्जियों की फसल को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। पहाड़ की करीब 80 प्रतिशत सब्जियां बरसात में पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। इस समय पहाड़ पर भरपूर मात्रा में फूल और बंद गोभी, शिमला मिर्च,हरी मिर्च,बीन, टमाटर का सीजन है, लेकिन बरसात ने इन सब्जियों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। सब्जी अब खेतों में ही सड़ने लगी है। पिछले कुछ दिन पहले 60 रुपए किलो बिकने वाला शिमला मिर्च अब 200 रूo किलो हो गया है, जबकि 40 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर 100 से ऊपर पहुंच गया है। इसके अलावा 30 से 40 रूपए किलो बिकने वाला तोरई 80 रुपए किलो हो गई है। यही नहीं मैदानी क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते मैदानी क्षेत्र की सब्जियां भी नहीं आ रही हैं, जिसके चलते कुमाऊं के सबसे बड़े हल्द्वानी मंडी में सब्जियों के दामों में दोगुनी वृद्धि हुई है।

बारिश की वजह से सब्जी की फसल बर्बाद हुई हैं। इसके अलावा बाहर से सब्जी की सप्लाई कम होने लगी है.जिस वजह से दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। सब्जी के बड़े कारोबारी दीपक पाठक की मानें तो फिलहाल दामों में तेजी का सिलसिला आगे भी कायम रहेगा। फल, आलू आढ़ती व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश जोशी ने बताया कि बाहरी राज्यों से सब्जियों की आवक कम हो गई है। मैदानी क्षेत्र में भी बारिश के चलते खेतों में पानी भरा हुआ है, जिसके चलते मैदानी क्षेत्र से भी सब्जियां नहीं आ रही हैं। पहाड़ से मात्र 10 से 20 प्रतिशत सब्जियां आ रही हैं। इधर सब्जी के फुटकर विक्रेता का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से सब्जियां काफी महंगी हो गई हैं, कम खरीद की वजह से उनकी सब्जियां खराब हो रही हैं।


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