चीन बॉर्डर का भारत से संपर्क कटा! बदरीनाथ हाईवे का 70 मीटर हिस्सा ध्वस्त

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उत्तराखंड में भारी बारिश का दौर जारी है। एक तरफ जहां नदी-नाले उफान पर हैं तो वहीं बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है जिसकी वजह से यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग में कमेड़ा के पास ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे का 70 मीटर हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया। माना जा रहा है कि हाईवे को सुचारू होने में तीन से चार दिन लग जाएंगे।

भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में हाहाकार मचा हुआ है। बीते एक हफ्ते से प्रदेश में आपदा जैसे हालात बने हुए हैं। भारी बारिश की वजह से चारधाम यात्रा भी प्रभावित हो रही है। रविवार 23 जुलाई को रुद्रप्रयाग जिले में कमेड़ा के पास ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे का करीब 70 मीटर हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. हाईवे क्षतिग्रस्त होने से बदरीनाथ और हेमकुंड यात्रा का मार्ग बंद हो गया है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे को चमोली जिला मुख्यालय के अलावा चीन सीमा और बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की लाइफ-लाइन भी कहा जाता है। हाईवे ध्वस्त होने की वजह से यात्रियों को जगह-जगह रोका जा रहा है। स्थानीय लोगों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है। हाईवे खुलने में तीन से चार दिन लगेंगे: यहां पर नये हाईवे का निर्माण होने में कम से कम तीन से चार दिन का समय लगेगा। आवश्यक सामग्री से भरे भारी वाहन भी हाईवे पर फंसे हुए हैं। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाईवे पैदल चलने लायक भी जगह नहीं बचा है। प्रशासन ने बताया कि हाईवे की नई कटिंग का कार्य शुरू हो गया है। चीन सीमा को भारत से जोड़ता है ये हाईवे: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि हाईवे सीधा नीती और माणा घाटी से जुड़ता है, जो चीन सीमा पर स्थित है। यही कारण है कि प्रशासन इस हाईवे के जल्द से जल्द से सुचारू करने का प्रयास कर रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से हाईवे के दोनों छोरों पर फिलहाल पुलिस को तैनात किया गया है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर पैदल चलने लायक रास्त भी नहीं बचा। यात्रियों को फिलहाल श्रीनगर, रुद्रप्रयाग और नगरासू समेत अन्य स्थानों में रोका जा रहा है या फिर वैकल्पिक मोटरमार्गों से आगे की ओर भेजा जा रहा है। वहीं रुद्रप्रयाग एसपी विशाखा भदाणे ने बताया कि हाईवे वॉशआउट होने के कारण सुबह से ही आवाजाही बंद है. दोनों ओर पुलिस के जवान सुरक्षा के लिये तैनात किये गये हैं। स्थानीय लोगों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि मार्ग को खुलने में तीन से चार दिन का समय लग जायेगा।


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