पहले भी हादसों का सामना कर चुकी है कोरोमंडल एक्सप्रेस, जानिए कब-कब दुर्घटनाओं का शिकार हुई ये ट्रेन

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कोलकाता। हावड़ा के शालीमार स्टेशन से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर जिले में बहानागा मार्केट स्टेशन के पास हादसे का शिकार हो गई। इस ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद कोच एक खड़ी मालगाड़ी और दूसरी तरफ से आती ट्रेन से टकराए। इस हादसे में अब तक 280 लोगों की मौत होने की खबर है। बात कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन की करें, तो 6 मार्च 1977 से चल रही ये ट्रेन कई बार हादसों का शिकार हो चुकी है। पहली बार कोरोमंडल एक्सप्रेस 15 मार्च 2002 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। तब इसके 7 कोच पटरी से उतरे थे। उस हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार 100 यात्री घायल हुए थे।

train

कोरोमंडल एक्सप्रेस का दूसरा हादसा 13 फरवरी 2009 को हुआ था। उस तारीख को कोरोमंडल एक्सप्रेस 115 किलोमीटर की रफ्तार से पटरी पर दौड़ रही थी। ओडिशा के जाजपुर जिले के केओंझार रोड स्टेशन के पास अचानक पटरी से ट्रेन उतरी। तब 15 यात्रियों की जान गई थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस का तीसरा हादसा साल 2012 में हुआ था। इस साल 14 जनवरी को कोरोमंडल एक्सप्रेस के एक कोच में में ओडिशा के ही लिंगराज स्टेशन के पास आग लग गई थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस के साथ अगला हादसा 30 दिसंबर 2012 को ओडिशा के गंजम जिले में हुआ था। तब ट्रेन से कटकर 6 हाथियों की जान गई थी। ट्रेन पलटने से बाल-बाल बची थी।

Coromandal Train Accident

कोरोमंडल एक्सप्रेस से हुए ताजा हादसे से पहले 18 अप्रैल 2015 को भी बड़ी दुर्घटना हुई थी। तब आंध्र प्रदेश के निडाडावलू स्टेशन पर इसके दो कोच में आग लगी थी। इससे दोनों कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। अब कोरोमंडल एक्सप्रेस का जो ताजा हादसा हुआ है, उसमें सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है।


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