सूडान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से की ‘ऑपरेशन कावेरी’ की शुरुआत

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नई दिल्‍ली. युद्धग्रस्त सूडान (Sudan) में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया गया है. करीब 500 भारतीय सूडान बंदरगाह पर पहुंच गए हैं, जबकि और अधिक नागरिक रास्ते में हैं. विदेश मंत्री एस जयंशकर ने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘हमारे जहाज और विमान उन्हें वापस घर लाने के लिए तैयार हैं. सूडान में हमारे सभी भाइयों की सहायता करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.’

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने बताया था कि भारत ने जेद्दा में दो सी-130जे सैन्य परिवहन विमान को उड़ान भरने के लिए तैयार रखा है और भारतीय नौसेना का एक जहाज क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बंदरगाह पर पहुंच गया है. विदेश मंत्रालय ने इस बारे में विवरण देते हुए कहा कि भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए आकस्मिक योजनाएं तैयार रखी गई हैं, लेकिन जमीन पर कोई भी गतिविधि सुरक्षा स्थिति पर निर्भर करेगी.

भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए विभिन्न साझेदारों से की बात
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत हर प्रयास कर रहा है. मंत्रालय ने कहा,‘हम सूडान में जटिल और उभरती सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं.’ इसने कहा, ‘हम सूडान में फंसे और वहां से निकलना चाह रहे भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए विभिन्न साझेदारों के साथ करीबी समन्वय कर रहे हैं.’ विदेश मंत्रालय और सूडान में स्थित भारतीय दूतावास, सूडानी अधिकारियों के अलावा संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मिस्र और अमेरिका सहित अन्य के नियमित रूप से संपर्क में हैं.

सूडान में हुई हिंसा से 420 लोगों की मौत, हजारों घायल
डब्ल्यूएचओ ने रविवार को सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक पोस्ट को रीट्वीट किया जिसमें कहा गया कि अब तक लड़ाई में कम से कम 420 लोग मारे गए हैं और 3,700 घायल हुए हैं. एक अलग बयान में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि सभी अमेरिकी कर्मियों और उनके परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और खार्तूम में अमेरिकी दूतावास में परिचालन को “अस्थायी रूप से निलंबित” कर दिया गया है. गौरतलब है कि सूडान की राजधानी खार्तूम और सूडान के अन्य क्षेत्रों में 15 अप्रैल को सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान के वफादार बलों और उप-प्रतिद्वंद्वी मोहम्मद हमदान डागलो के बीच हिंसा भड़क गई थी. शक्तिशाली अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स की कमान संभालते हैं.


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