अल्मोड़ा देवभूमि स्पंदन संस्कृति का संरक्षण एवं सम्वर्धन विषय पर तीन दिवसीय क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी आयोजित

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अल्मोड़ा ::- देवभूमि स्पंदन” संस्कृति का संरक्षण एवं सम्वर्धन विषय पर आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी का शुभारम्भ सोमवार को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के दृश्यकला संकाय एवं चित्रकला विभाग में हुआ। तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी योगेश डसीला व समस्त स्नातकोत्तर फाईन आर्ट के संयोजन में आयोजित की जा रही है।

प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रो. प्रवीण बिष्ट, अधिष्ठाता प्रशासन तथा विशिष्ट अतिथि प्रो.शेखर चन्द्र जोशी,अधिष्ठाता शैक्षिक तथा प्रदर्शनी का मुख्य निर्देशन प्रो. सोनू द्विवेदी ‘शिवानी’ ने किया।

प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी अल्मोड़ा वन्दना व संरक्षक माननीय कुलपति प्रो.नरेंद्र सिंह भंडारी किसी आवश्यक व्यस्तता के कारण पहुंच नही सके किन्तु दोनों ने दूरभाष के जरिये प्रदर्शनी संयोजक व दृश्यकला संकाय को अपनी अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। जिलाधिकारी अल्मोड़ा ने दूरभाष पर अपना बधाई संदेश देते हुए आश्वासन दिया कि वह समय मिलते ही प्रदर्शनी का अवलोकन जरूर करेंगी।

कुलपति प्रो. भंडारी ने बधाई देते हुए कहा कि दृश्यकला संकाय के विद्यार्थी उत्कृष्ट प्रतिभा के धनी हैं तथा अपनी कला प्रतिभा का कौशल निरंतर करते रहते हैं। उन्होंने प्रदर्शनी संयोजक और समस्त प्रतिभागी कलाकारों को अपनी शुभकामनायें प्रेषित की।

अधिष्ठाता शैक्षिक प्रो. शेखर चन्द्र जोशी ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए अपनी पहली प्रदर्शनी का स्मरण किया और सभी प्रतिभागियों को अपना कार्यक्षेत्र और कार्य प्रदर्शनी को प्रदेश व देश के अन्य सभी जगह प्रदर्शित करने को कहा।

प्रो. जोशी ने मैं ना बोलू, चित्र बोलें शीर्षक के साथ प्रदर्शनी की सराहना की और बीए.,एमए चित्रकला विषय तथा बीएफए, एमएफए के प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों को 500-500 प्रति कक्षा को देने की घोषणा की।

प्रदर्शनी की मुख्य निर्देशक प्रो. सोनू द्विवेदी ‘शिवानी’ ने अपने वकतव्य में कला प्रदर्शनी ने कला प्रदर्शनी शीर्षक स्पंदन को रोमांचित करना, जीवित रखना तथा हृदय की धड़कन से जोड़ा तथा देवभूमि की सभ्यता और संस्कृति से संबंधित इस प्रदर्शनी की सराहना की।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे योगेश डसीला ने प्रदर्शनी के सफल आयोजन के लिए सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया तथा इस प्रदर्शनी को हमारी सभ्यता और कला संस्कृति के संरक्षण के लिए लाभप्रद बताया।

इसी दौरान प्रदर्शनी संयोजक ने विशेष सहयोग के लिए चन्दन आर्या,कौशल कुमार, सन्तोष सिंह मेर, पूरन सिंह, जीवन चन्द्र जोशी, मुकेश चन्याल,दिव्या ह्याकी,निकिता शर्मा,निशा रौतेला,गीतांजलि रावत,पंकज जायसवाल, दिव्यांशु जोशी,योगेश भंडारी,नन्दिता महर,निकिता नेगी, हर्षित सामंत, मो. बिलाल, महेन्द्र आर्या इत्यादि लोग रहें।।


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