नैनीताल ::- स्वस्थ रहने के लिए कम से कम आठ घंटे की नींद की आवश्यक होती है। कम से कम आठ घंटे की पूरी नींद नहीं लेते हैं तो सेहत को नुकसान उठाने पड़ सकता हैं।
जब सोते है तो शरीर सकारात्मक परिवर्तन होता हैं जिनमें हमारा विकास,सुधार,कोशिकाओं का रिलेक्स होना एवं मानसिक विकास आदि होता है।
स्वस्थ जीवन के लिए जितना खानपान और व्यायाम का होता है,उतनी ही जरूरी नींद भी होती है। आज के दौर में काम का प्रेशर ऐसा है कि सुकूनभरी नींद के लिए भी कई जतन करने पड़ते हैं। बिस्तर पर लेटने के बाद भी थके हुए शरीर को हर वक्त चलता दिमाग ठीक से सोने नहीं देता और घंटों करवटें बदलते निकल जाते हैं। जिससे तनाव, गुस्सा, डिप्रेशन इत्यादि जो नींद पूरी नहीं होने से दिमाग को आराम नहीं मिल पाता और वो हर वक्त चलता रहता है। इसके कारण स्ट्रेस बढ़ता है। तनाव की स्थिति में कभी कोई काम ठीक से नहीं हो पाता।ऐसे में गुस्सा, इरिटेशन और डिप्रेशन जैसी दिक्कतें होना शुरू हो जाती हैं।
ठीक तरीके से नींद न ले पाने से शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट प्रभावित होता है। इसकी वजह से शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है। ऐसे में दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और हाई बीपी ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय संबन्धी कई दिक्क़ते होने लगती है। याददाश्त कम होती जाती है,भूलने की बीमारी भी हो सकती है।