15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे। उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। उनसे पहले यह पद कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर के पास था। उसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।
बुचर अंतिम कमांडर इन चीफ थे,वो 1 जनवरी 1948 से 15 जनवरी 1949 तक देश के कमांडर इन चीफ रहे थे। आजादी के बाद भी ब्रिटिश सेना के अधिकारी ही थल सेना के प्रमुख के पद पर थे।जनरल केएम करियप्पा के आर्मी चीफ बनने से पहले इस पद पर दो ब्रिटिश अधिकारी रह चुके थे। बुचर से पहले इस पद पर सर रॉबर्ट मैकग्रेगर मैकडोनाल्ड लॉकहार्ट इस पद पर रह चुके थे।
15 जनवरी 1949 को जनरल केएम करियप्पा ने कमांडर इन चीफ का पद संभाला।तब से हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे के तौर पर मनाया जाता है।
15 जनवरी को आर्मी डे मनाने के पीछे दो बड़े कारण हैं। पहला ये कि 15 जनवरी 1949 के दिन से ही भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हुई थी।दूसरी बात इसी दिन जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था।इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। केएम करियप्पा ‘किप्पर’ नाम से काफी मशहूर रहे।
