सर्दी-जुकाम कभी भी किसी को भी हो सकता है। आमतौर पर यह कोई गंभीर समस्या नहीं मानी जाती है। कई बार तो सर्दी-जुकाम को अच्छी सेहत का संकेत भी माना जाता है। लेकिन अगर आपको बार-बार सर्दी जुकाम हो रहा है, तो सतर्क हो जाइए। यह सिर्फ मौसम में बदलाव की वजह से होने वाला जुकाम नहीं हो सकता है।
बार-बार सर्दी-जुकाम से पीड़ित होना साइनोसाइटिस का भी लक्षण हो सकता है। हमारी नाक के आस-पास चेहरे की हड्डियों में नम हवा के खाली स्थान होते हैं जिन्हें साइनस कहा जाता है। इन साइनस की अंदरुनी सतह में एलर्जी या किसी अन्य कारण से सूजन आ जाए तो साइनोसाइटिस की समस्या हो जाती है। यह सूजन बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण से पैदा होती है।
साइनोसाइटिस के लक्षण होने पर आवाज में बदलाव, सिर में दर्द,नाक और गले में बलगम का आना, हल्का बुखार, तनाव,चेहरे पर सूजन,सूंघने व स्वाद पहचानने की क्षमता में कमी तथा नाक से पीला या हरे रंग का रेशा निकलना आदि लक्षण दिखते हैं।
जुकाम होने का सबसे सामान्य कारण विषाणु जिसे वायरस कहते हैं। थकान, तंत्रिका तंत्र में तनाव, मानसिक चिंता आदि की स्थिति में जुकाम होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। तापमान में गिरावट की वजह से जुकाम नहीं होता। कम तापमान से जुकाम हो रहा होता तो ध्रुवीय प्रदेशों में रहने वाले लोगों की नाक हमेशा बहती रहती। किसी-किसी को धूल,विशेष फूलों के परागकण, नमी आदि से एलर्जी होती है जिसकी वजह से जुकाम हो जाता है।।