साल का सबसे छोटा दिन जानिए क्या है कारण

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नैनीताल ::- साल के चार दिन ऐसे होते हैं जिन्हें खगोलीय घटनाओं के अनुसार खास माना जाता है। 21 दिसंबर जो साल का सबसे छोटा दिन होता है। इसे “विंटर सोलस्टाइस” के नाम से जाना जाता है। 21 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होगी। पृथ्वी के सबसे पास होने की वजह से सूर्य की मौजूदगी आठ घंटे ही रहती है जिसके अस्त होने के बाद 16 घंटों की साल की सबसे लंबी रात होती है। सूर्य इस दिन कर्क रेखा से मकर रेखा की ओर उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करता है।

ठंड काफी ज्यादा बढ़ जाती है। पृथ्वी पर चंद्रमा की रोशनी ज्यादा देर तक रहने लगती है। जबकि सूर्य बहुत कम समय तक अपनी रोशनी पृथ्वी पर बिखेर पाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त का सही समय पर जोन और भौगोलिक स्थिति पर भी निर्भर करता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है जिसके कारण इस दिन सूर्य की दूरी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध से अधिक हो जाती है और सूर्य की किरणों का प्रसार पृथ्वी पर कम समय तक हो पाता है।

वेल्स भाषा में इस दिन को “Alban Arthan” कहते हैं सर्दियों की रोशनी। इस दिन को ब्रिटेन के इस हिस्से में बड़े त्योहार के तौर पर मनाते हैं। माना जाता है कि ये दिन और इससे जुड़े त्योहार मानव इतिहास के सबसे पुराने त्योहारों में से हैं। रोम में भी इस दिन को सेलिब्रेट करने का कल्चर है। इसे Saturnalia शनि का दिन कहते है जिसे रोम में फसलों का देवता माना जाता है। इसका जश्न 17 दिसंबर से शुरू होकर सात दिनों तक चलता है।

उत्तरी गोलार्ध में 23 दिसंबर से दिन की अवधि बढ़ने लग जाती है। इस दौरान उत्तरी ध्रुव पर रात हो जाती है जबकि दक्षिणी ध्रुव पर 24 घंटे सूर्य चमकता है। सूर्य 21 मार्च को भू-मध्य रेखा पर सीधा चमकेगा इसलिए दोनों गोलार्ध में दिन-रात बराबर होती हैं।।


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