पराक्रम दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

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राष्ट्र के प्रति नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अदम्य भावना और निस्वार्थ सेवा को सम्मान देने और याद रखने के लिए भारत सरकार ने देश के लोगों विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करने के लिए हर साल 23 जनवरी को उनके जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।

भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को 23 जनवरी को हर साल ‘पराक्रम दिवस ’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि नेताजी हमारे सबसे प्रिय राष्ट्रीय नायकों में से एक हैं जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में असाधारण योगदान दिया।


नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्र ने उनकी 125 वीं जयंती समारोह की शुरुआत की। इस दिन को असीम साहस और वीरता का सम्मान करने के लिए “पराक्रम दिवस” के रूप में मनाने की तैयारी है। नेताजी ने अपने अनगिनत अनुयायियों के बीच राष्ट्रवाद के उत्साह को बढ़ाया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म कटक (वर्तमान ओडिशा) में 23 जनवरी को जानकीनाथ बोस और प्रभाती दत्त के यहाँ हुआ था। बोस 1938 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की युवा शाखा का सक्रिय हिस्सा थे।


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