उत्तराखंड पुलिस के कई ऐसे कार्यक्रम हैं, जिनकी सराहना बड़े मंचों पर भी होती रहती है। चारधाम यात्रा में यात्रियों की व्यवस्था को लेकर हो या कई बार फंसे हुए लोगों को सकुशल उनके घर तक पहुंचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन हो कुशलता से संपन्न कराए गए हैं। ऐसे ही एक ऑपरेशन की तारीफ केंद्रीय गृह मंत्रालय तक कर चुका है। उत्तराखंड में 2015 से चलाये जा रहे ऑपरेशन स्माइल के तहत पुलिस उन गुमशुदा लोगों को परिजनों से मिलाती है, जो अपनों से बिछड़ जाते हैं। पुलिस ने आज फिर से आगामी दो महीने के लिए ऑपरेशन स्माइल शुरू किया है।
साल 2015 से ये ऑपरेशन 13 बार चलाया गया है. इसी वर्ष 2024 में इस अभियान को दिनांक 01.05.2024 से दिनांक 30.06.2024 तक चलाया गया। इस दौरान 1,370 गुमशुदाओं को उनके परिजनों से मिलाया गया। इसके साथ ही वर्ष 2015 से चलाये गये इस अभियान में जून 2024 तक 2951 बच्चे, 1721 महिलाएं और 1309 पुरुष (कुल 5981 गुमशुदाओं) को ढूंढा जा चुका है। उत्तराखंड एक जगह राज्य है जहां पर अलग अलग देश और शहरों से लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इस बार इस ऑपरेशन स्माइल के लिए पुलिस विभाग की तरफ से पुलिस मुख्यालय नोडल अधिकारी विशाखा अशोक भदाणे, पुलिस अधीक्षक अपराध को बनाया गया है। जनपदों में सहायक पुलिस अधीक्षक/अपर पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपाधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जनपद हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और नैनीताल में 05-05 तलाशी टीम बनाई गई हैं। बाकी जनपदों में 01-01 तलाशी टीम (प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4) का गठन किया गया है। हर एक तलाशी टीम में गुमशुदा बरामद बच्चों और महिलाओं से पूछताछ हेतु एक महिला पुलिस कर्मी भी अनिवार्य रूप से नियुक्त की गयी है। प्रत्येक टीम की सहायता हेतु उपरोक्त तलाशी टीमों के अतिरिक्त 01-01 विधिक एवं टेक्निकल टीम का भी गठन किया गया है। अभियान के लिए अन्य सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं यथा सीडब्लूसी (बाल कल्याण समिति), समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, अभियोजन, श्रम विभाग, आश्रय गृह, एनजीओ और चाइल्ड हेल्प लाइन का सहयोग भी लिया जा रहा है।