उत्तराखंड की चार बेटियों ने अपने सपनों को उड़ान देने के लिए कठिन राह चुनी। यह चारों बेटियां दमकल विभाग में भर्ती होने के बाद आंतरिक परीक्षा पास कर घुड़सवार पुलिस का हिस्सा बनीं। शुरुआत में घोड़े दौड़ते हुए नीचे गिरीं और जख्मी भी हुईं, लेकिन न उन्होंने हिम्मत हारी और न हौसला कम हुआ। अब एक अच्छे घुड़सवार की तरह घोड़ों की लगाम अपने हाथ में थामकर उन्हें दाैड़ाने और जंप लगवाने का हुनर सीख चुकी हैं।
इनका सपना राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर घुड़सवारी प्रतियोगिता में मेडल जीतने का है। डॉ. बीआर आंबेडकर पुलिस अकादमी के मैदान पर चल रही घुड़सवारी प्रतियोगिता में उत्तराखंड की टीम भी प्रतिभाग कर रही है। हालांकि, इस टीम को अंक नहीं दिए जा रहे हैं, लेकिन राज्य स्तर की प्रतियोगिता का अनुभव उत्तराखंड के घुड़सवारों को मिल रहा है।16 सदस्यों की उत्तराखंड की टीम में चार महिला घुड़सवार दिव्या डांगी, प्रियंका चौहान, नेहा और विनीता भी शामिल हैं। इनमें प्रियंका और विनीता स्नातक तक पढ़ी हैं, जबकि दिव्या और नेहा परास्नातक हैं। उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों की रहने वाली चारों बेटियां 2023 में उत्तराखंड दमकल विभाग में भर्ती हुई थीं। फिर उत्तराखंड में घुड़सवार पुलिस के लिए आतंरिक परीक्षा कराई गई, जिसमें बेटियों को भी माैका दिया गया। इन चारों बेटियों ने आवेदन किया और परीक्षा पास कर घुड़सवार पुलिस का हिस्सा बन गईं। इसके बाद चारों ने देहरादून की पुलिस लाइन में कोच एकलव्य शर्मा के नेतृत्व में ट्रेनिंग शुरू की। महिला घुड़सवारों का कहना है कि उनका सपना था कि वह घोड़े दौड़ाएं। घुड़सवार पुलिस में भर्ती होने के बाद वह कड़ी मेहनत कर उत्तराखंड पुलिस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतना चाहती हैं।
उत्तराखंड घुड़सवार पुलिस में चार महिला शामिल हो गई हैं, लेकिन यूपी में अब तक एक भी महिला घुड़सवार नहीं है। पुलिस अकादमी के आरआई एमटी भगवती दयाल, घुड़सवार एसआई एमटी राज नरेश का कहना है कि यूपी में भी महिला घुड़सवार होनी चाहिए। यहां भी महिलाओं को उत्तराखंड की तरह मौका देना चाहिए। उत्तराखंड घुड़सवार पुलिस के कोच एवं एफईआई शो जंपिंग अफसर एकलव्य शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड के देहरादून में अगले साल 15 जनवरी से राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता शुरू होगी। जिसमें घुड़सवारी को शामिल किया गया है। इसके लिए उत्तराखंड की टीम को तैयार किया जा रहा है।
मुरादाबाद में चल रही प्रतियोगिता में एकलव्य शर्मा निर्णायक मंडल में हैं। वह अपनी टीम को लेकर आए हैं और टीम के सदस्य अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सीनियर घुड़सवारों से उन्हें बहुत सीखने को मिल रहा है, जिससे उनके प्रदर्शन में और सुधार होगा। डॉ. बीआर आंबेडकर पुलिस अकादमी के मैदान में चल रही प्रतियोगिता में शनिवार को टेंट पैगिंग में कानपुर के घोड़े और घुड़सवारों का दबदबा रहा। घोड़े पार्थ पर सवार होकर दिलशाद अहमद ने गोल्ड जीत लिया, जबकि दूसरे स्थान पर भी कानपुर के घोड़े और घुड़सवार का कब्जा रहा।प्रतियोगिता के तीसरे दिन शनिवार को टेंट पैगिंग व्यक्तिगत की स्पर्धा में आगरा, अलीगढ़, बरेली, कानपुर, लखनऊ मेरठ और मुरादाबाद की टीमों ने भाग लिया। कानपुर जोन के घुड़सवार दिलशाद अहमद ने घोड़े पार्थ पर सवार होकर पहला स्थान हासिल किया, जबकि कानपुर के ही घुड़सवार मोहन ने घोड़े हिमालय पर सवार दूसरा और मुरादाबाद के राज नरेश ने घोड़े डायमंड पर सवार तीसरा स्थान हासिल किया। मिड रिले टीम स्पर्धा में कानपुर के दिलशाद अहमद ने अश्व चेतक, गोकुल मोहन ने अश्व हिमालय और अनुज कुमार ने पहला स्थान प्राप्त किया। मुरादाबाद के राज नरेश अश्व उर्वी, भगवान सिंह अश्व मोंटीना, मुकेश बाबू ने अश्व डायमंड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। लखनऊ के प्रमोद कुमार मौर्य ने अश्व संयासी, अनुराग कुमार अश्व अदा और रविंद्र कुमार ने अश्व रेनबो पर सवार होकर तीसरा स्थान हासिल किया। सईस स्पर्धा में लखनऊ के घुड़सवार चंद्रशेखर और उनके अश्व फिलक्का ने पहला स्थान पाया।