टिहरी बांध की चारों टरबाइन से किया जा रहा है बिजली उत्पादन।

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पंजाब,हरियाणा,राजस्थान, दिल्ली,उत्तर प्रदेश,हिमाचल प्रदेश,जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड,ने टीएचडीसी से अतिरिक्त बिजली की डिमांड की है, वर्षा काल में राणा फ्रीबर्ग बांधों में सिल्ट के कारण बिजली उत्पादन प्रभावित होने से नार्दन ग्रिड ने टीएचडीसी से अतिरिक्त बिजली की डिमांड की है इसके बाद टीएचडीसी प्रबंधन की ओर से बिजली उत्पादन बढ़ा दिया गया है अब तक नॉर्दन ग्रिड को 10 मिलियन यूनिट बिजली सप्लाई हो जाती थी जिसे बढ़ाकर 25 मिलियन यूनिट कर दिया गया है यह आजकल बिजली  का उत्पादन से टिहरी बांध की सर्वोच्च उत्पादन क्षमता पर है।
वर्षा काल के दौरान अक्सर जल विद्युत परियोजनाओं में सिल्ट आने के चलते बिजली उत्पादन प्रभावित हो जाती है कई बार सिल्ट के कारण बिजली उत्पादन बंद करना पड़ता है ऐसे में नार्दन ग्रिड को अतिरिक्त बिजली की जरूरत पड़ती है,टिहरी बांध परियोजना में सिल्ट की किसी भी तरह की कोई समस्या नही है  टिहरी बांध योजना सिल्ट फ्री है जिसमें सिल्ट का कोई असर नहीं पड़ता ऐसे में अब नार्दन ग्रिड अब तक बिजली आपूर्ति के लिए निर्भर है। नार्दन ग्रिड की डिमांड के चलते 24 जुलाई तक टिहरी बांध से होने वाले 10 मिलियन यूनिट उत्पादन को 25 जुलाई से बढ़ाकर 24 से 25 मिलियन यूनिट प्रतिदिन कर दिया गया है, वर्षाकाल में टिहरी बांध परियोजना से इसी मात्रा में बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है वही आज टिहरी झील का जलस्तर 815 आर एल मीटर पहुंच गया है, पिछले रिकॉर्ड की बात की जाए तो 25,26 जुलाई को 23 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ,ल,27,28 जुलाई को 23 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुई 27 जुलाई को 24 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुई,29,30,31 जुलाई व 1 अगस्त को 25 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुई, वही टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एल पी जोशी ने कहा कि इन दिनों टिहरी झील का जलस्तर तेजी से बढ़ा है ऐसे में नार्दन ग्रिड ने टीएचडीसी से अतिरिक्त बिजली की डिमांड की है जिसे पूरा करने के लिए इन दिनों पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन के लिए चारों टरबाइन चलाई जा रही है पहले 10 मिलियन यूनिट की प्रतिदिन आपूर्ति की जा रही थी जिसे बढ़ाकर अब 25 मिलियन यूनिट प्रतिदिन किया गया है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा 830 आर एल मीटर तक टिहरी झील को भरने की अनुमति दी है और इस बार हमारा टारगेट  830 आर एल मीटर तक झील का पानी भरेंगे, टिहरी डेम से ऊपरी इलाके में कभी भी बदल फटने य भारी मात्रा में पानी आता है तो उसे टिहरी झील में रोककर एब्जॉर्ब कर लेते है,ओर 90 मीटर का इस डैम में पानी का उतार चढ़ाव होता है,ओर इस बार पानी ज्यादा आया है तो हमने टिहरी डैम की चारो मशीन फूल कैपेसिटी आए चलानी शुरू कर दी है, 24 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है जिसे नार्दन ग्रिड के बिजली की डिमांड कें लिये पत्र आया था उन्हे बिजली दे रहे है।


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