कोटद्वार के मालन, सुखरो और खो नदी में अवैध खनन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जितने पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं उनकी मरम्मत करने के लिए प्लान बनाएं। यह आदेश अवैध खनन के चलते पुल क्षतिग्रस्त होने पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिए गए। मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। पौड़ी गढ़वाल निवासी अक्षांश असवाल ने जनहित याचिका में कहा कि अवैध खनन की वजह से कोटद्वार सहित पौड़ी गढ़वाल के कई पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई लोगों की जान तक चली गई है। मालन नदी का पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण कोटद्वार नगर का संपर्क कट गया है। सरकार ने मालन नदी का पुल 2010 में 12 करोड़ 35 लाख में बनाया, जो सिर्फ 13 साल में क्षतिग्रस्त हो गया। जांच करने पर पुल टूटने का मुख्य कारण अवैध खनन बताया गया। जब पुल टूटा तो उसके तीसरे ही दिन अवैध खनन शुरू हो गया। इस मानसून सीजन में अभी तक प्रदेश के 83 पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। यहां पुलों पर अस्थायी यातायात खोलने के लिए 3.87 करोड़ रुपये चाहिए। वहीं, सभी पुलों को पुरानी अवस्था में लाने के लिए 92.47 करोड़ रुपये खर्च होंगे।