यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने से अभ्यर्थियों में आक्रोश और अनिश्चितता छात्र बोले- परीक्षा केन्द्र के विकल्प को बदलने का नोटिफिकेशन हो जारी

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रुद्रपुर। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 18 जून 2024 को आयोजित हुई यूजीसी-नेट परीक्षा के अचानक रद्द होने से 300 से अधिक शहरों में परीक्षा देने वाले 11.2 लाख उम्मीदवारों में निराशा देखने को मिल रही है। हांलाकि प्रभावित उम्मीदवारों के लिए पुनर्निर्धारित परीक्षा की तैयारी की जा रही है। शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि यूजीसी-नेट परीक्षा 21 अगस्त से 4 सितंबर के बीच फिर से आयोजित की जाएगी। दोबारा आयोजित हो रही यूजीसी नेट की आगामी परीक्षा के लिए नए एडमिट कार्ड जारी किए जायेंगे। लेकिन यूजीसी की ओर से परीक्षा केंद्र के विकल्प को बदलने के लिए अभी तक कोई भी नोटिफिकेशन जारी नही किया गया है जिसको लेकर परीक्षा प्रभावित उम्मीदवारों में खासा रोष व्याप्त हो रहा है।

जून में आयोजित हुई यूजीसी नेट परीक्षा रद्द होने के बाद अभ्यर्थियों ने नाराजगी जाहिर की है। इसी क्रम में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिला निवासी रेणुका सिंह (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वो बनारस में एमएससी की पढ़ाई कर रही थी। वहीं उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा का फॉर्म भरा था और इसी वजह से उन्होंने बनारस के साथ सबसे नजदीकी परीक्षा केंद्र फॉर्म में विकल्प के तौर पर चुना था। 18 जून को आयोजित हुई यूजीसी नेट परीक्षा में उन्होंने वहीं से परीक्षा दी थी, लेकिन अब ये परीक्षा रद्द हो जाने के बाद उनके लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। क्योंकि अब उनका एमएससी फाइनल ईयर का एग्जाम भी खत्म हो चुका है और वो बनारस से वापस अपने घर पिथौरागढ़ आ गई हैं। ऐसे में यूजीसी की ओर से परीक्षा केंद्र बदलने का कोई विकल्प नहीं दिया गया है जिसकी वजह से अब उन्हें वापस बनारस जाकर ही परीक्षा देनी होगी। इससे उन पर न केवल वित्तीय बोझ पड़ेगा, बल्कि अब बनारस में उन्हे परीक्षा के एक दिन पहले पहुंचना भी होगा और रहने की उचित व्यवस्था भी तलाशनी होगी। रेणुका सिंह ने आगे कहा कि जून में हुई परीक्षा के रद्द होने से उनपर काफी वित्तीय और नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि कई महीनो की मेहनत पर भ्रष्टाचारियों ने पानी फेर दिया जिसका खामियाजा अब सब भुगत रहे हैं। वही दूसरे अभ्यर्थी अंकुर (बदला हुआ नाम) इस झटके के बावजूद दृढ़ संकल्पित हैं, लेकिन परीक्षा केंद्र चुनने में नाकाम होने पर नाराज भी हैं। उन्होंने कहा कि वह हरियाणा से नैनीताल के कुमाऊं यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहा था, इसीलिए यूजीसी नेट परीक्षा केंद्र नैनीताल ही ऑप्शन के रूप में चुना था। जून में यूजीसी नेट परीक्षा दी तबतक हमारा फाइनल सेमेस्टर नही हुआ था, परीक्षाएं होनी थी। अचानक नेट परीक्षा रद्द होने के बाद हमे बड़ा झटका लगा। इधर अब हमारा फाइनल सेमेस्टर भी जुलाई में खत्म हो गया और हम वापस घर चले आए। अब अगस्त लास्ट में और सितम्बर के पहले सप्ताह में यूजीसी नेट परीक्षा होनी है इसके लिए अब वापस नैनीताल आकर परीक्षा देनी होगी, जिसमें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अभी परीक्षा में समय है यूजीसी नेट परीक्षा केंद्र को बदलने का विकल्प अगर एडमिट कार्ड जारी होने से पहले दे दिया जाए तो कई अभ्यर्थियों को कम से कम इतना लाभ तो मिल ही जायेगा कि वो अपने वर्तमान निवास के हिसाब से परीक्षा केंद्र चुन पाए।

बता दें कि इस वर्ष यूजीसी नेट परीक्षा आयोजित होने के 1 दिन बाद ही रद्द कर दी गई। परीक्षा 18 जून, 2024 को देशभर के 317 शहरों में स्थित 1205 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। जिसमें 11 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। यूजीसी नेट पेपर लीक की खबरों से छात्रों का शिक्षा मंत्री और एनटीए पर गुस्सा फूटने लगा और ज्यादातर अभ्यर्थियों ने मांग की है कि इस तरह की शिक्षा प्रणाली से स्टूडेंट्स का नुकसान हो रहा है। सरकार को किसी प्राइवेट एजेंसी के हाथों में परीक्षाएं देनी ही नहीं चाहिए थीं, जिन्हें छात्रों के हित का ना पता हो। नाराज छात्रों का कहना है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को खारिज कर देना चाहिए।


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