विस्तारित कर्ज सुविधा की बहाली के लिए सहमत नहीं हुआ आइएमएफ, बड़ी पाकिस्तान की मुश्किलें
इस्लामाबाद, आइएएनएस। कर्ज के जरिये पाकिस्तान की डूबती हुई अर्थव्यवस्था और अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान को आइएमएफ ने बड़ा झटका दिया है। 6 अरब डालर की विस्तारित कर्ज सुविधा की बहाली पर वार्ता जारी होने के दावों के बीच अब यह साफ हो चुका है कि आइएमएफ आतंकियों के आका पाकिस्तान के आर्थिक सुधारों के दावों से संतुष्ट नहीं है। आइएमएफ ने पाकिस्तान को और अधिक कर्ज देने से साफ इन्कार कर दिया है।
वाशिंगटन में चार अक्टूबर से डेरा डाले पाकिस्तान के तत्कालीन वित्त मंत्री व इमरान खान के मौजूदा सलाहकार (वित्तीय मामले) शौकत तारिन, वित्त सचिव यूसफ खान, स्टेट बैंक गवर्नर राजा बाकिर व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के उच्चस्तरीय दल ने आइएमएफ के समक्ष विस्तार से बात रखी। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा आर्थिक सुधारों के संबंध में दी गई दलीलें आइएमएफ को छह अरब डालर (करीब 1,047 अरब पाकिस्तानी रुपये) की विस्तारित कर्ज सुविधा की बहाली के लिए सहमत नहीं कर सकीं।
अब आइएमएफ एक बयान जारी करके बताएगा कि कर्ज सुविधाओं को कैसे बहाल किया जा सकता है। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारी अब भी यही कह रहे हैं कि उनकी आइएमएफ से वार्ता जारी है और जल्द ही कर्ज बहाली की घोषणा हो सकती है। कई दौर की वार्ता के बाद आइएमएफ ने मई 2019 में खस्ताहाल पाकिस्तान के लिए छह अरब डालर के बेलआउट पैकेज का एलान किया था, ताकि उसकी डूबती हुई अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके।
39 महीने के इस बेलआउट पैकेज के समझौते में आइएमएफ ने कई शर्ते रखी थीं, जिनमें कर संग्रह में वृद्धि व आर्थिक सुधार आदि शामिल थे। जनवरी 2020 में इस बेलआउट पैकेज पर रोक लगा दी गई, क्योंकि इमरान खान सरकार ने बिजली शुल्क बढ़ाने के साथ-साथ अन्य करों को लगाने से इन्कार कर दिया। अब आलम यह है कि पाकिस्तानी घरों की आय 35 फीसद गिर चुकी है और खाना व आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं की कीमतों में 40-50 फीसद का इजाफा हो चुका है। कम आमदनी व महंगाई की मार झेल रही पाकिस्तानी जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।