नैनीताल :- 5 दिसम्बर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक कृषक को उनके खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वायल हेल्थ कार्ड योजना अंतर्गत मिट्टी नमूना संग्रहण को शत प्रतिशत पूरा करने के लिये 30 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक मिट्टी नमूना संग्रहण सप्ताह के रुप में मनाया जा रहा है।
20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने 5 दिसंबर को प्रतिवर्ष ‘विश्व मृदा दिवस’ मनाने की पेशकश की थी जिसे संयुक्त राष्ट्र के द्वारा अपनाया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के माध्यम से 2015 को ‘अंतरराष्ट्रीय मृदा वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
विश्व की संपूर्ण मृदा का 33 प्रतिशत पहले से ही बंजर या नष्ट हो चुका है।
इस दिवस को मनाने का उदेश्य किसानो और आम लोगों को मिट्टी की महत्त्वा के बारे में जागरूक करना है।
की जिसमें भोजन का 95 प्रतिशत भाग मृदा से ही आता है। विश्व के बहुत से भागों में उपजाऊ मिट्टी बंजर और किसानो द्वारा ज्यादा रसायनिक खादों और कीटनाशक दवाईओं का इस्तेमाल करने से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आने के कारण उपजाऊ क्षमता में गिरावट आ रही है और यह प्रदुषण का भी शिकार हो रही है।
वर्तमान में मिलियन से भी ज़्यदा लोगों का भोजन असुरक्षित है और अरबों से अधिक लोग पोषक रूप से असुरक्षित हैं,जिसे मृदा के माध्यम से कम किया जा सकता हैं। मृदा दिवस का उद्देश्य मृदा स्वास्थ्य के प्रति तथा जीवन में मृदा के योगदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। 20 दिसंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने 5 दिसंबर को प्रतिवर्ष ‘विश्व मृदा दिवस’ मनाने की पेशकश की थी जिसे संयुक्त राष्ट्र के द्वारा अपनाया गया । संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसी संकल्प के माध्यम से वर्ष 2015 को अंतरराष्ट्रीय मृदा दिवस मनाया जाता है