‘ये दलों का नहीं दिलों का महागठबंधन’, विपक्षी दलों की बैठक के बीच नीतीश कुमार का बयान

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नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी सरकार के विरोध में माहौल बनाने के मकसद से राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है। जिसमें विपक्ष के सभी नेताओं के आमंत्रित किया गया है, लेकिन आपको बता दें कि वाइएसआर, जेडीएस और कांग्रेस ने इस बैठक से दूरी बनाई है। इसके अलावा रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को भी बैठक में आमंत्रित किया  गया था, लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हलावा देकर बैठक में शामिल नहीं हुए। नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह बैठक बुलाई गई है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस बैठक में दो मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हो सकती है, जिसमें पहला आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ मुद्दा है, तो वहीं दूसरा सीएम केजरीवाल केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को विधेयक में बदलने से रोकने की दिशा में विपक्षियों का समर्थन मांग सकते हैं। बहरहाल, अब इस बैठक में आगामी दिनों में क्या कुछ फैसला लिया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

बैठक में शामिल हुए ये नेता 

महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए हैं. इन नेताओं के नाम नीतीश कुमार (जेडीयू), ममता बनर्जी (एआईटीसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राऊत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जेडीयू),संजय झा (राजद), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल)तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ’ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) हैं।

यह फासी नीतियों के खिलाफ युद्धघोष है 

वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस बैठक को युद्धघोष करार दिया है। द्रमुख ने प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि फासीवादी नीतियों का खात्मा करके देश में लोकतंत्र को जीवंत करने की दिशा में यह बैठक आगामी दिनों में अहम भूमिका अदा करेगा। अलबत्ता आगामी दिनों में लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी और  धर्मनिरपेक्षा की ज़ड़े मजबूत होंगी।

बैठक से पहले सामने या ये पोस्टर 

वहीं, बैठक से पहले नीतीश कुमार ने पोस्टर जारी किया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यह दलों का नहीं , बल्कि दिलों का गठबंधन है।

अमित शाह ने साधा निशाना 

वहीं,  राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक पर केंद्रीय गृह मंंत्री अमित शाह ने निशाना साधा है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि आज पटना में फोटो सेशन चल रहा है। बैठक से वे लोग यह संदेश देना चाहते हैं कि वो मोदी और बीजेपी को चुनौती देंगे, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि उन्हें इस दिशा में बिल्कुल भी सफलता नहीं मिलेगी।

 

पटना में बैठक शुरू

वहीं, पटना में विपक्षी दलों की बैठक शुरू हो चुकी है , जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई नेताओं ने  अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। हालांकि, कुछ विपक्षी नेताओं ने दूरी बनाए रखना भी उचित समझा है।

 

वहीं, कंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक पर कहा कि,’मैं विशेष रूप से कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करने के लिए धन्यवाद देती हूं कि वे अकेले पीएम मोदी को नहीं हरा सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें दूसरों के समर्थन की आवश्यकता है।


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