बच्चों में होने वाली गंभीर समस्याएं,जिससे बच्चों के हेल्थ पर पड़ता है असर

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शरीर में खून न बनने से कई तरह के लक्षण बच्चे में दिखाई देते हैं बच्चों में कमजोरी, बीमार रहना, चेहरा सूख जाना, बच्चे की ग्रोथ पर असर पडऩा और वजन न बढऩा इत्यादि।
थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रक्तरोग है। जिसमें हीमोग्लोबिन के निर्माण में दिक्कत होने के कारण रोगी को बार-बार रक्त चढ़ाना पड़ता है।

हर साल पैदा होने वाले बच्चों में से 7-10 बच्चे इस रोग से पीडि़त होते हैं। थैलेसीमिया तीन प्रकार का होता है माइनर, इंटरमीडिएट और मेजर। अगर माता व पिता दोनों माइनर थैलेसीमिया से पीडि़त हैं तो बच्चे में 25 फीसदी यह रोग होने की आशंका बढ़ जाती है।

विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों में कमजोरी की शिकायत आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में पाई जाती है। हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम और फास्फोरस हैं, लेकिन इन्हें हड्डियों में जमा रखने में विटामिन डी का बहुत बड़ा हाथ है।विटामिन डी और कैल्शियम बच्चों को हमेशा माता के गर्भ में रहते हुए मिलता है। महीनों में बच्चे का विकास तेजी से होता है तथा उसे विटामिनों और खनिजों की सख्त जरूरत होती है।

पाचन तंत्र दांत निकलने की परेशानियॉं, मुखपाक, उल्टि व अमाश्यशोथ, दस्त,पेचिश,पेट में दर्द,पीलिया,क़मि, मोतीझरा,दोहद,कब्ज़ इत्यादि छोटे बच्चों में आमतौर पर यह दिक्क़त होती है।


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