मसूरी में देश के प्रथम सीडीएस बिपिन रावत का दी गई श्रद्धांजलि

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रिपोर्टर सुनील सोनकर- 8.12.2022

मसूरी। मसूरी में पौड़ी गढवाल विकास समिति द्वारा मसूरी के शहीद स्थल पर देश के प्रथम सीडीएस बिपिन रावत की पहली पुण्यतिथि पर विशेष हवन कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस मौके पर श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया जिसमें सभी मौजूद लोगों ने विपिन रावत की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं बिपिन रावत अमर रहे के नारे भी लगाए गए। पौड़ी गढवाल विकास समिति के अध्यक्ष उमेश नौटियाल ने कहा कि देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत पिछले साल 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था जनरल बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका और भारतीय सेना के 11 और अफसरों के बीच भीषण हेलीकाप्टर क्रैश में मौत हो गई थी देश के पहले सीडीएस के तौर पर सीमाओं की सुरक्षा के लिए जनरल बिपिन रावत द्वारा अहम फैसले लिये गए और सशस्त्र बलों के मनोबल को हमेशा ऊंचा रखने में उनके द्वारा किए गए योगदान को देश हमेशा याद रखेगा उन्होंने बताया कि जनरल बिपिन रावत की प्रथम पुण्यतिथि पर समिति द्वारा एक यज्ञ का आयोजन कर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें विपिन रावत के कार्य को याद किया गया व उनके मार्ग पर चलने का आह्वान किया गया। उन्होंने कहा कि बिपिन रावत द्वारा देश की फौज को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और विपिन रावत कभी भी दुश्मनों से डरते नहीं थे उनका मुंह तोड़ जवाब दिया करते थे। बिपिन रावत ने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी और खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से डिग्री हासिल की थी. जहां उन्हें ‘स्वार्ड ऑफ ऑनर’ हासिल हुआ था. अपनी काबिलियत, समर्पण और देशभक्ति के जुनून के चलते वे स्वाभाविक रूप से बाद में भारतीय सेना के सबसे ऊंचे ओहदे तक पहुंचे. आर्मी प्रमुख बनने से पहले उन्होंने कई सैन्य विभागों में सेवा की. जहां उनके कई साहसी फैसलों की छाप आज भी बरकरार है. देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद को भी जनरल बिपिन रावत ने एक गरिमा प्रदान की और सीडीएस पद पर आने वाले सभी नए लोगों के लिए एक उदाहरण पेश किया।


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