18 फरवरी :आज के दिन हुई थी इस ग्रह की खोज,जानिए

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18 फरवरी 1930 को ऐसे ही एक जिज्ञासु अमेरिकी वैज्ञानिक क्लाइड टॉमबा ने एक बौनेग्रह की खोज की थी। पहले इसे ग्रह मान लिया गया था, लेकिन बाद में इसे ग्रहों के परिवार से बाहर कर दिया गया। इस ग्रह नाम रखने के लिए सुझाव मांगे गए तो 11वीं में पढ़ने वाली एक लड़की ने इसे प्लूटो नाम दिया। उसका कहना था कि रोम में अंधेरे के देवता को प्लूटो कहते हैं और इस ग्रह पर भी हमेशा अंधेरा रहता है, इसलिए इसका नाम प्लूटो रखा जाए। प्लूटो को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 248 साल लग जाते हैं।


इतिहास में 18 फरवरी का दिन अंतरिक्ष की एक बड़ी खोज से जुड़ा है। 1930 में आज ही के दिन अमेरिकी वैज्ञानिक क्लाइड टॉमबा ने एक बौने ग्रह की खोज की थी, जिसे हम प्लूटो के नाम से जानते हैं। लंबे समय तक यह हमारे सौरमंडल का नौवां रहा।लेकिन बाद में इसे ग्रहों के परिवार से बाहर कर दिया गया और ग्रह होने का दर्जा वापस ले लिया गया।

प्लूटो की खोज भले ही एक वैज्ञानिक ने की थी, लेकिन इसका नाम 11वीं में पढ़ने वाली एक लड़की के सुझाव पर रखा गया था।उसका कहना था कि रोम में अंधेरे के देवता को ‘प्लूटो’ कहते हैं और इस ग्रह पर भी हमेशा अंधेरा रहता है, इसलिए इसका नाम प्लूटो रखा जाए।

कई वैज्ञानिक यह साबित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि प्लूटो ग्रह है, बौना ग्रह नहीं। हाल ही में साइंटिफिक जर्नल इकॉरस (Icarus) में एक रिसर्च पब्लिश हुई। इसमें कहा गया कि प्लूटो को ग्रह से डाउनग्रेड नहीं किया जाना चाहिए था। हर कुछ दिनों में कोई न कोई बयान या स्टडी आ ही जाती है, जो कहती है कि प्लूटो को फिर से ग्रह घोषित किया जाए। एरीजोना की जिस लॉवेल ऑब्जर्वेटरी में क्लाइड टॉमबॉग ने इस ग्रह को खोज निकाला था, उसने तो इस साल भी 13 से 18 फरवरी तक प्लूटो फेस्टिवल मनाया। इसमें वर्चुअल एक्टिविटीज हुईं और कई एस्ट्रोनॉमर्स और वैज्ञानिकों ने दोहराया कि प्लूटो को फिर ग्रह घोषित करने का वक्त आ गया है।


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