जाने क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस

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संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार 1984 को ‘अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष’ घोषित किया गया। इसके महत्त्व का विचार करते हुए भारत सरकार ने घोषणा की 1984 से 12 जनवरी, स्वामी विवेकानन्द जयंती का दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में देशभर में मनाया जाए।

राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने के लिये वर्ष 1984 में भारतीय सरकार द्वारा घोषणा की गयी थी। इसे मनाने का मुख्य लक्ष्य भारत के युवाओं के बीच स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों के महत्व को फैलाना है।

इस दिवस का उद्देश्य विवेकानंद की शिक्षाओं एवं आदर्शों को भारतीय युवाओं के लिए रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाना है,इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि देश के युवा स्वामी विवेकानंद के जीवन, कार्य शैली, चेतना और आदर्श से प्रेरणा ले सकें।

12 जनवरी हो प्रत्येक वर्ष स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन या जयंतीी, राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते हैं। उनका जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रमु्ख कारण उनका दर्शन, सिद्धांत, अलौकिक विचार और उनके आदर्श हैं, जिनका उन्होंने स्वयं पालन किया और भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी उन्हें स्थापित किया। उनके ये विचार और आदर्श युवाओं में नई शक्ति और ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। उनके लिए प्रेरणा का एक उम्दा स्त्रोत साबित हो सकते हैं।

‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए’ का संदेश देने वाले युवाओं के प्रेरणास्त्रो‍त, समाज सुधारक युवा युग-पुरुष ‘स्वामी विवेकानंद’ का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ। इनके जन्मदिन को ही राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस को देशभर में बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन भाषण, पाठ, युवा सम्मेलन, प्रस्तुतियां, युवाओं के उत्सव, प्रतियोगिताएं, संगोष्ठियों, खेल आयोजन, योग सत्र, संगीत प्रदर्शन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार कोरोना वायरस की वजह से हर साल की तरह होने वाले विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा।






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