नैनीताल ::- भारत में कई अद्भुत और वीर सैनिकों ने जन्म लिया है। 26 जुलाई को जहां भारत में ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 16 दिसंबर को भी भारत में ‘विजय दिवस’ मनाया जाता है। 1971 में जब भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच सैन्य संघर्ष चल रहा था। पाकिस्तान की तरफ से 3 दिसंबर, 1971 में भारतीय वायुसेना के तत्कालीन ग्यारह स्टेशनों पर रिक्तिपूर्व हवाई हमले किए गए थे।
1971 में हुए इस भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तानी सेना पराजित हुई और 16 दिसंबर 1971 को ढाका में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस युद्ध के 12 दिनों में अनेक भारतीय जवान शहीद हुए और हजारों घायल हो गए। पाक सेना का नेतृत्व कर रहे जनरल एके नियाजी ने अपने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के कमांडर किए जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण कर हार स्वीकार की थी। जनरल सैम मानेकशॉ भारतीय सेना के प्रमुख थे। इस जंग के बाद बांग्लादेश के रूप में विश्व पर नये देश का उदय हुआ। तक़रीबन 3,900 भारतीय जवान इस जंग में शहीद हुए और 9,851 जवान घायल हुए।
1971 का भारत-पाक युद्ध उपमहाद्वीप के इतिहास में एक निर्णायक क्षण था, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश बना। इसने सेना,वायु सेना और नौसेना सहित भारतीय सशस्त्र बलों की प्रगति की स्थापना हुई। 3 दिसंबर 1971 युद्ध उस समय शुरू हुआ था, जब पूर्वी पाकिस्तान में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष चल रहा था। यह युद्ध 13 दिन बाद 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना के बिना शर्त आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हो गया। बांग्लादेश आजाद हुआ तब से इस दिन को भारत और बांग्लादेश में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।।