10 साल में भारत बन जायेगा ऊर्जा निर्यातक देश : नितिन गडकरी

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नई दिल्लीः सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Minister of Road Transport & Highways) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने जोशीमठ में धंस रही जमीन से लेकर इथेनॉल और ग्रीन फ्यूल पर अपने विजन के बारे में बात की. बिजनेस टुडे के बैंकिंग एंड इकोनॉमी समिट में शिरकत करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि अगले 10 साल में भारत ऊर्जा निर्यातक देश बन जाएगा.

चारधाम मार्ग की वजह से नहीं धंस रहा जोशीमठ
जोशीमठ में भू-धंसाव की घटनाओं पर नितिन गडकरी ने कहा कि विशेषज्ञ जोशीमठ में धंसने की घटनाओं के कारणों का अध्ययन कर रहे हैं. जोशीमठ अपनी चट्टान के कारण समस्याग्रस्त है. उन्होंने कहा कि चारधाम मार्ग के कारण ये स्थिति नहीं पैदा हुई है. नितिन गडकरी ने कहा कि वह पेट्रोल और डीजल को हटाने के लिए ‘ग्रीन फ्यूल’ की दिशा में काम कर रहे हैं, चाहे वह हाइड्रोजन, इथेनॉल या इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) हो. ग्रीन फ्यूल की बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही एक ऊर्जा निर्यातक देश बन जाएगा.

नितिन गडकरी का कहा कि भारत चीनी, मक्का, चावल और गेहूं का सरप्लस उत्पादन वाला देश है. इसने ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में विविधता लाई है. उन्होंने कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में सबसे अधिक इथेनॉल निर्माता बन जाएगा. उनका कहना है कि ग्रीन हाइड्रोजन ही भविष्य है. नितिन गडकरी ने कहा कि इथेनॉल और पेट्रोल का माइलेज एक बराबर है. अब अधिक से अधिक वाहन निर्माता फ्लेक्स इंजन का उपयोग कर रहे हैं. नितिन गडकरी उन राजमार्गों के बारे में बताया, जो बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि नए राजमार्ग ट्रक चालकों के लिए यात्रा के समय को कम कर देंगे. इससे लॉजिस्टिक्स में कटौती से निर्यात में सुधार होगा.

किशनराव कराड ने बताया सरकार का लक्ष्य
नितिन गडकरी से पहले वित्त राज्य मंत्री भागवत किशनराव कराड ने बिजनेस टुडे के मंच से मोदी सरकार की योजनाओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य अर्थव्यवस्था को वित्तीय समावेशन और औपचारिक बनाना है. उन्होंने कहा कि जब मैंने वित्त राज्य मंत्री का पोर्टफोलियो संभाला तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मुझे 3 बातें बताईं. उन्होंने कहा कि आपको वित्तीय समावेशन, वित्तीय साक्षरता और डिजिटल लेनदेन पर काम करना होगा.

शक्तिकांत दास ने कही ये बात
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस समिट में शिरकत की और कहा कि मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में 7.8 फीसदी के चरम पर थी. अब यह दिसंबर में घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई है और इसका मुख्य का कारण खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी है. RBI गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति पर ध्यान देने की जरूरत से RBI नहीं चूका.

 


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