यूट्यूबर सौरव जोशी के खिलाफ उतरे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी! चलाई अनसब्सक्राइब की मुहीम, दिया था हास्यासपद बयान

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हल्द्वानी: ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’ संस्कृत की ये पंक्ति यूट्यूबर सौरव जोशी के लिए सटीक लगती है। जिन्होंने थोड़ी सी प्रसिद्धि मिलने के बाद ऐसा बयान दे दिया कि जिसके बाद पहले नेटिजन्स और अब उत्तराखंड राज्य के आंदोलनकारियों ने मोर्चा खोल दिया है। दरअसल अपना व्लॉग बनाते समय सौरव ने कुछ ऐसा बोल दिया जिसे सुनकर कुछ हंसी आ सकती है या कुछ को अप्पति हो सकती है। अपना व्लॉग बनाते समय सौरव ने कहा कि उनकी वीडियो की वजह से ही लोग उत्तराखंड और हल्द्वानी को जानते है। ये अल्फाज सुनने के बाद जोशी के बयान पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी लाज़मी है लेकिन सौरव की गलतफहमी को दूर करने लिए जरूरी है कि एक नजर उत्तराखंड, हल्द्वानी या कुमाऊं के इतिहास पर डाली जाये।

आइये जानते है……
कुमाऊं का द्वार कहे जाने वाले और नैनीताल जिले के हल्द्वानी की खोज किसने की?अगर ये सवाल आप गूगल पर ढूढेंगे या किसी इतिहासकार से पूछेंगे तो आपको यही जानकारी मिलेगी कि हल्द्वानी की स्थापना 1834 में हुई थी और तब हल्द्वानी पहाड़ का बाजार नाम से प्रसिद्ध था। 1815 में जब यहां गोरखों का शासन रहा तब अंग्रेज कमिश्नर गार्डनर के नेतृत्व में अंग्रेजों ने गोरखों को भगाया था। गार्डनर के बाद यहां जार्ज विलियम ट्रेल कमिश्नर बने तब उन्होंने हल्द्वानी शहर को भली भांति बसाने का काम शुरू किया था। यहां उनका खास खाम का बंगला आज भी प्रसिद्ध है। वही उत्तराखंड की स्थापना 9 नवंबर 2000 को हुई थी ये भी सभी जानते है,इससे पहले उत्तराखंड उत्तरप्रदेश में ही शामिल था इसीलिए उत्तराखंड को उत्तरप्रदेश ही कहा जाता था।

तो आपको अब ये पता चल ही चुका है कि हल्द्वानी की स्थापना कब हुई और हल्द्वानी शहर को किस तरह बसाया गया था। और उत्तराखंड अलग राज्य कब बना था,लेकिन एक अति बुद्धिमान यूट्यूबर सौरव जोशी का कहना है कि जब से इन महाशय ने यूट्यूब में वलॉग बनाने शुरू किए है तब से ही लोग उत्तराखंड और हल्द्वानी को पहचानने लगे है जानने लगे। सौरव जोशी के इस कथन के मुताबिक उत्तराखंड हल्द्वानी को कोई नही जानता था अगर यूट्यूब पर सौरव न होते तो आज तक उत्तराखंड हल्द्वानी की कोई पहचान ही न होती। सौरव जोशी ने अपने लेटेस्ट वीडियो में कहा है कि लोग उनकी वीडिओज़ की वजह से ही उत्तराखंड और हल्द्वानी को जानने लगे है। सौरव जोशी की इस विवादित वीडियो को लेकर उत्तराखंड के जनमानस में खासा रोष व्याप्त होने लगा है। इस यूट्यूबर के खिलाफ़ अब राज्य आंदोलनकारियों ने मोर्चा खोल दिया है और कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है राज्य आंदोलनकारियों की शहादत की वजह से उत्तराखंड अलग राज्य बना और पूरे देश मे पहचाना गया। उत्तराखंड में चारधाम है जो बरसो से यहां की पहचान है उत्तराखंड ऋषिमुनियों की तपस्थली रही है।उत्तराखंड की पावन भूमि पर वीर चन्द्र गढ़वाली ,हेमवंती नँदन बहुगुणा, पंडित गोविंद वल्लभ पंत,सुमित्रानंदन पंत, सीडीएस बिपिन रावत जैसे कई प्रतिभाशाली व्यक्तित्व जन्मे है उन्होंने राज्य का मान बढ़ाया,छोटा सा यूट्यूबर जिसकी उम्र भी परिपक्व नही है कहता है उत्तराखंड और हल्द्वानी को उसने पहचान दिलाई इससे ज़्यादा निंदनीय क्या हो सकता है। ये बात कहना मूर्खतापूर्ण और हास्यास्पद है। उन्होंने ये भी कहा कि उत्तराखंड राज्य गठन के लिए यहां की महिलाओं ने अपनी कुर्बानी दी मुज्जफरनगर कांड में महिलाओं की शहादत को नही भुलाया जा सकता एक यूट्यूबर ऐसी बात करता है,ये छोटी सोच है और गलत है।

उन्होंने ये भी कहा कि सौरव जोशी के बयान से राज्य आंदोलनकारियों का अपमान हुआ है और अब सोशल मीडिया में लोगो ने भी उसे अनसब्सक्राइब करना शुरू कर दिया है।

आपको बता दें कि सौरभ जोशी के लेटेस्ट वीडियो में उत्तराखंड और हल्द्वानी को लेकर कही गयी बात के बाद अब बच्चे बच्चे तक सौरव जोशी को अब ट्रोल करने लगे है और कई लोग सोशल मीडिया में सौरव जोशी को लेकर मिम्स तक बनाने लगे है।

सौरव जोशी के इस विवादित बयान पर लोग तरह तरह कमेंट्स भी करने लगे है। कई लोग कह रहे है कि पहाड़ो में बानरो और व्लागरो का ही आतंक है। कई लोग कह रहे है कि सौरव जोशी को कौन जानता था ये तो हरियाणा कहीं रहता था उत्तराखंड आकर ही इसकी पहचान बनी ये क्या उत्तराखंड की पहचान बनाएगा,इसको तो कुमाउनी गढ़वाली तक बोलनी नही आती।
कई लोग सौरव जोशी को लेकर ये भी कह रहे है कि घमंड हद से ज़्यादा बढ़ गया है इसीलिए सठिया गया है। कुछ कमेंट्स में ये भी कह रहे है कि कल को सौरव जोशी कहेगा कि भारत को लोग उन्हीं की वीडिओज़ की वजह से जानने लगे है।

कौन है सौरव जोशी?
सौरव जोशी एक यूट्यूबर है जो बेफालतू की रूटीन वीडिओज़ बनाकर यूट्यूब में पोस्ट करता है। और लॉक डाउन में जब सब घर पर बैठे थे कोई काम धंधा बचा नही था तो सौरव जोशी की वीडिओज़ मच्छर मारते हुए देख लिया करते थे टाइम पास हो जाता था जिस वजह से सौरव जोशी को कई सब्सक्राइबर मिल गए और ये सातवे आसमान में चढ़कर बैठ गए। अपनी वीडिओज़ में हमेशा घूमते रहते है,और गाईज आज हमने मस्त नाश्ता किया जैसी बकवास पोस्ट करते है। हाल ही में जब हेल्लो गाईज आज हम पहाड़ पर मस्ती करने जा रहे है कहकर सौरव जोशी निकल गए थे घर से तब इनके घर चोरों ने भी मस्त चोरी कर ली थी।
खैर सौरव जोशी भले ही खुद को सुपर स्टार समझते हो लेकिन उत्तराखंड को लेकर जिस तरह की बातें उन्होंने कही है उससे ज़ाहिर है कि वो घमंड में चूर चूर है खुद के आगे वो किसी को कुछ नही समझते,ऐसा उनके सब्सक्राइबर तक कहते है जब वो अपने सब्सक्राइबर से भी बदतमीजी करते है।


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