रक्षाबंधन पर बॉर्डर पर तैनात जवानों की कलाई नहीं रहेगी सूनी! उत्तराखंड की बहने भेजेंगी राखियां

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रेडक्रॉस भवन में रेडक्रॉस स्वयंसेवियों द्वारा आज हस्तनिर्मित राखियों के निर्माण हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें राखियों के निर्माण की जानकारी स्वयंसेवियों को दी गई। साथ ही कला शिक्षिका राजेश्वरी कार्की और कला शिक्षक हिमाशु चौबे के नेतृत्व में 500 राखियां बनाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव आलोक पांडे ने बताया कि हमारी सोसायटी मानवता की सेवा के लिए कार्य करती है, जिसके तहत जिले में रेडक्रॉस सोसायटी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सेवा कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन से कुछ दिन पहले केआरसी रानीखेत के अधिकारियों को सभी राखियां भेजी जाएंगी, जहां से इन राखियों को बॉर्डर पर तैनात जवानों के पास भेजा जाएगा। वहीं रेडक्रॉस स्वयंसेवी और कला शिक्षिका राजेश्वरी कार्की ने बताया कि देश की सेवा ने तैनात जवानों के लिए रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा हर साल राखियां भेजी जाती हैं। बॉर्डर में तैनात जवान राखी के त्योहार पर घर नहीं आ पाते हैं, इसलिए इस बार भी उनकी रक्षा और दीर्घायु की कामना के साथ उन तक राखियां भेजी जा रही हैं। स्वयंसेवी कन्हैया वर्मा ने बताया कि रेडक्रॉस सोसायटी के तत्वाधान में बच्चों को किस तरह आसानी से राखियां बनाई जा सकती हैं, इसकी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक बहन अपने भाई की रक्षा के लिए राखी बांधती हैं, उसी तरह हमारे द्वारा बनाई गई राखियां बार्डर पर तैनात भाईयों के लिए भेजी जाएंगी।


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