बालासोर रेल हादसे पर कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन ड्राइवर का आया बयान, जानें क्या कहा?

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नई दिल्‍ली. ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए बेहद भीषण रेल हादसे (Odisha train accident) में गंभीर रूप से घायल कोरोमंडल एक्सप्रेस के ट्रेन ड्राइवर ने बताया है कि उसने न तो कोई सिग्‍नल जम्‍प किया था और न ही ट्रेन ओवर स्‍पीड में थी. उसने बताया कि ‘ग्रीन’ सिग्‍नल मिलने के बाद ही ट्रेन आगे बढ़ी थी. ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट रेलवे बोर्ड की सदस्‍य जया वर्मा सिन्‍हा ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्‍होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्‍च प्राथमिकता है.

जया वर्मा सिन्‍हा ने कहा कि ‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सबूतों से छेड़छाड़ न हो और कोई भी गवाह प्रभावित न हो. यह गलत सूचना है कि रेलवे अपनी सेफ्टी पर ध्‍यान नहीं दे रहा है.’ उन्‍होंने कहा कि ‘ऐसी बातें कही गई हैं कि रेलवे केवल वंदे भारत पर फोकस कर रहा है या बस किसी खास स्‍टेशन पर सुविधा बढ़ाने में लगा हुआ है. यह एकदम गलत सूचना है, जिसे मैं करेक्‍ट करना चाहूंगी. उन्‍होंने कहा कि रेलवे एक बहुत बड़ा संस्‍थान है जहांं हम सभी बातों पर एक समय में ध्‍यान देने में सक्षम हैं.’

18,000 ट्रेन प्रतिदिन दौड़ती हैं, आंकड़ों को भी समझें
जया वर्मा सिन्‍हा ने कहा कि देश में करीब 18,000 ट्रेन प्रतिदिन दौड़ती हैं. उसमें से कितनी क्षतिग्रस्‍त होती हैं, इसको लेकर परखना चाहिए. हम एक घटना को लेकर अग्रेसिव न हों. जहांं यह हादसा हुआ है वहां ट्रेन की स्‍पीड लिमिट 130 किमी प्रति घंटा है. हर ट्रेन में स्‍पीडोमीटर होता है और यह देखा जा सकता है कि किस समय पर कौन सी ट्रेन किस गति से चल रही है. ट्रेन हादसे रोकने के लिए बनाए कवच को लेकर जया वर्मा ने कहा कि यह भारत में बनी तकनीक है, इस पर हम सब को गर्व होना चाहिए. आने वाले समय में अन्‍य देश भी इससे लाभ पाएंगे. अभी केवल अमेरिका और यूरोप में ऐसी तकनीक है.

प्रारंभिक जांच में ऐसी खामी सामने आई
एसईआर के संबंधित विभागों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में अप सिग्नलिंग सिस्टम की एक बड़ी खामी निकलकर सामने आई है. शुरुआती जांच नतीजों के अनुसार, मेन UP लाइन का सिग्नल हरा होना था और वहां से कोरोमंडल एक्सप्रेस को सीधा गुजर जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आरआरआई (रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम) की पूरी तरह से विफलता के कारण, 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ने पॉइंट नंबर 17ए के पास बाएं मोड़ लिया और वहां खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए, 7 पूरी तरह से पलट गए, 4 रेललाइन से उछलकर दूसरे डिब्बों पर चढ़ गए.


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